माइक्रो-ब्लॉगिंग की साइट ट्विटर ने इंटरनेट सिक्यूरिटी फर्म डैजिएंट को खरीद लिया है। लेकिन अभी तक यह खुलासा नहीं हुआ है कि यह सौदा कितने में हुआ है। डैजिएंट का गठन 2008 में किया गया था और वह मैलवेयर से लेकर ऑनलाइन सुरक्षा में सेंध लगानेवाली समस्याओं को सुलझाने का काम करती है। ट्विटर के बारे में आप जानते ही हैं। 2006 में बनी यह कंपनी अपने 140 कैरेक्टर के संक्षिप्त संदेशों के दम पर इतनी मशहूरऔरऔर भी

विश्व अर्थव्यवस्था प्राकृतिक आपदा या आतंकवादी हमले से होनेवाली व्यापक तबाही ज्यादा से ज्यादा एक हफ्ते तक झेल सकती है क्योंकि सरकारों या उद्योग-धंधों ने ऐसी अनहोनी के लिए पर्याप्त तैयारी नहीं कर रखी है। यह आकलन है दुनिया के एक प्रतिष्ठित चिंतन केंद्र, चैथम हाउस का। चैथम हाउस लंदन का एक संस्थान है जो अंतरराष्ट्रीय मसलों से संबंधित नीतियों पर नजर रखता है। दुनिया भर के नीति-नियामकों के बीच इसकी बड़ी साख है। चैथम हाउस नेऔरऔर भी

अश्लील, भद्दे व अशोभनीय विज्ञापनों पर निगाह रखने और इन पर लोगों की राय लेने के लिए क्षेत्र की स्वैच्छिक नियामक संस्था, एएससीआई (एडवर्टाइजिंग स्टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया) अब सोशल नेटवर्किंग साइटों का सहारा लेने जा रही है। वह अब फेसबुक और ट्विटर जैसी सोशल नेटवर्किंग साइटों के माध्यम से ऐसे भद्दे विज्ञापनों पर निगाह रखेगी। उसने युवाओं को इस बात के लिए प्रोत्साहित करने का फैसला किया है कि वे फेसबुक और ट्विटर खातों के जरियेऔरऔर भी

पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी शेयर बाजार के सौदों पर नजर रखने के लिए नवीनतम टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने लगी है। साथ ही वह अपने निगरानी विभाग में ऐसा सॉफ्टवेयर टूल लगा रही है जिससे फेसबुक और ट्विटर जैसी सोशल नेटवर्किंग साइटों पर शेयरों को लेकर पेश की गई सूचनाओं व टिप्स का विश्लेषण किया जाएगा। समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट के मुताबिक सेबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने उसे बताया कि नया सॉफ्टवेयर फेसबुक व ट्विटर जैसीऔरऔर भी

अमेरिका में आबादी के लिहाज 12वें सबसे बड़े शहर सैन फ्रांसिस्को में सोमवार (15 नवंबर) से तीन दिन का वेब 2.0 सम्मेलन शुरू हो रहा है जिसमें इंटरनेट उद्योग के दर्जनों महारथी शिरकत करेंगे। लेकिन इसमें सबसे खास हैं फेसबुक के चीफ एग्जीक्यूटिव मार्क ज़ुकरबर्ग और गूगल के प्रमुख एरिक श्मिड। माना जा रहा है कि इन दो महारथियों की टक्कर इस सम्मेलन के मंच पर नया गुल खिला सकती है क्योंकि दोनों ही नई पीढ़ी कीऔरऔर भी

देश में कुल डीमैट खातों की संख्या करीब 1.7 करोड़ है। लेकिन फेसबुक, ऑरकुट या ट्विटर जैसी सोशल नेटवर्किंग साइटों से जुड़े लोगों की संख्या 3.1 करोड़ पर पहुंच चुकी है। इस तरह शेयर बाजार से जुड़े लोगों से करीब दोगुने लोग सोशल नेटवर्किंग साइटों से जुड़ चुके हैं। ब्रोकर फर्म एमएमसी कैपिटल्स के इक्विटी प्रमुख जगन्नाधम तुनगुंटला का कहना है कि देश में सोशल नेटवर्किंग साइटों का आधार इतना बढ़ना वाकई आश्चर्यजनक है और ऐसा महजऔरऔर भी