रिजर्व बैंक ग्राहक सेवाओं को लेकर बैंकों के प्रति अपना रुख कड़ा करनेवाला है। बहुत संभावना है कि सेबी के पूर्व चेयरमैन एम दामोदरन की अध्यक्षता में बैंकों की ग्राहक सेवाओं पर गठित समिति हफ्ते भर बाद 15 फरवरी को अपनी रिपोर्ट रिजर्व बैंक को सौंप देगी। वैसे, यह रिपोर्ट के आने में करीब दो हफ्ते की देर हो चुकी है क्योंकि रिजर्व बैंक ने 2 नवंबर 2010 को मौद्रिक नीति की दूसरी त्रैमासिक समीक्षा में कहाऔरऔर भी

रिजर्व बैंक और बैंकिंग ओम्बड्समैन के दफ्तर को बराबर शिकायतें मिल रही हैं कि बैंक कुछ ऋणों व अग्रिम पर अनाप-शनाप ब्याज और शुल्क ले रहे हैं। बैंक आम ग्राहकों, किसानों व पेंशनभोगियों के साथ उचित बर्ताव नहीं करते। यह हालत तब है जब रिजर्व बैंक ने सालोंसाल से ग्राहकों के साथ उचित बर्ताव सुनिश्चित करने के लिए बहुत सारे उपाय कर रखे हैं। इसलिए अब रिजर्व बैंक ने एक कमिटी बनाने का फैसला किया है जोऔरऔर भी