आईआईटी के छात्रों में आत्‍महत्‍या के बढ़ते मामलों की रोकथाम के लि‍ए सरकार ने एक टास्‍क फोर्स बनाने का फैसला किया है। इ‍समें अभि‍भावकों, शि‍क्षकों, पुराने छात्रों और प्रोफेशनल सलाहकारों को शामि‍ल कि‍या जाएगा। इसके गठन का जिम्मा आईआईटी परिषद का है। टास्क फोर्स की अध्‍यक्षता कि‍सी प्रतिष्ठित व्‍यक्‍ति ‍को दी जाएगी। टास्‍क फोर्स चार महीने में अपनी रि‍पोर्ट सौपेगी। बुधवार को आईआईटी दिल्ली के परिसर में परिषद की बैठक में तय किया गया। इसमें मानव संसाधनऔरऔर भी

तिहाड़ जेल में बंद पूर्व टेलिकॉम मंत्री ए राजा ने 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और गृह मंत्री पी चिदंबरम को भी लपेटा है। राजा ने कहा है कि स्पेक्ट्रम की ब्रिकी को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मौजूदगी में मंजूरी दी गई थी। उन्होंने यह भी कहा कि डीबी रियल्टी को स्पेक्ट्रम बेचने की मंजूरी तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने भी दी थी। इस बीच जहां प्रमुख विपक्षी दल बीजेपी ने जहां सरकार परऔरऔर भी

स्पेक्ट्रम की भारी किल्लत को देखते हुए सरकार नयी दूरसंचार नीति में दो या अधिक सेवा प्रदाताओं के बीच स्पेक्ट्रम के साझा इस्तेमाल की अनुमति दे सकती है। नयी दूरसंचार नीति, 2011 की रूपरेखा तैयार करने में लगे अधिकारियों ने कहा, ‘‘यद्यपि ट्राई (टीआरएआई) ने स्पेक्ट्रम के साझा इस्तेमाल की सिफारिश की है, लेकिन इसके खरीद-फरोख्त की कभी भी सिफारिश नहीं की गई।’’ अधिकारियों ने 2जी स्पेक्ट्रम में खरीद-फरोख्त से इनकार किया है क्योंकि इसकी नीलामी नहींऔरऔर भी

शिक्षकों की कमी समेत शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की राहमें कई बाधाओं का सामना कर रही सरकार ने कहा है कि छह से 14 वर्ष के बच्चों को मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा के अधिकार (आरटीई) कानून का वांछित परिणाम हासिल होने में अभी कम से कम तीन साल का समय और लगेगा। मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल का कहना है, ‘‘इसमें कम से कम तीन साल का समय और लगेगा। यह कोई ऐसी चीज नहींऔरऔर भी

लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार करने में गांधीवादी अण्णा हज़ारे पक्ष को शामिल करने के बाद सरकार को बड़ा अफसोस हो रहा है। इस मामले में सरकार के सबसे मुखर मंत्री कपिल सिब्बल ने साफ कर दिया है कि केंद्र सरकार भविष्य में इस तरह का कोई प्रयोग दोबारा नहीं करेगी। लोकपाल विधेयक मसौदा समिति के सदस्य रहे मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि विधेयक का मसौदा बनाने की कवायद में समाज (सिविल सोसायटी)औरऔर भी

लोकपाल विधेयक मसौदा समिति की आखिरी बैठक होने के बाद भी सरकार और हज़ारे पक्ष के बीच अहम मुद्दों पर मतभेद बने रहे और साझा मसौदा तैयार नहीं किया जा सका। हज़ारे पक्ष ने जहां सरकार के मसौदे पर ‘गहरी निराशा’ जाहिर की, वहीं केंद्र ने कहा कि वह दोनों पक्षों के मसौदे पर राजनीतिक दलों से राय लेकर उसे कैबिनेट के समक्ष रखेगा। सरकार के मसौदे में प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में रखे जाने काऔरऔर भी

गंभीर मतभेदों और तीखी बयानबाजी के दौर के बाद सरकार और गांधीवादी अण्णा हज़ारे पक्ष के बीच सोमवार को दिल्ली में हुई लोकपाल विधेयक मसौदा समिति की बैठक ‘सौहार्दपूर्ण’ रही। हालांकि, सरकार ने जहां बातचीत में बड़ी प्रगति होने का दावा किया, वहीं हज़ारे पक्ष ने कहा कि मतभेद वाले मुद्दों पर अभी तक आम सहमति नहीं बन पाई है। बैठक का ‘सौहार्दपूर्ण’ माहौल में होना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछली बैठक में गंभीर मतभेद उभरने केऔरऔर भी

लगता है कि सरकार अण्णा हजारे व सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों के साथ किसी टकराव से बचना चाहती है। पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि उन्हें लोकपाल के दायरे में आने में कोई आपत्ति नहीं है और अब इस मुद्दे पर सबसे मुखर, केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्ब्ल कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री को पद पर रहते नहीं, लेकिन पद छोड़ने के बाद लोकपाल के दायरे में लाया जा सकता है। सिब्बल ने समाचार चैनलऔरऔर भी

गांधीवादी नेता अण्णा हज़ारे ने घोषणा की है कि अगर सरकार ने भ्रष्टाचार से निपटने के मुद्दे पर जनता का साथ नहीं दिया तो वे 16 अगस्त से जंतर मंतर पर ‘देश की आजादी’ की दूसरी लड़ाई शुरू करेंगे। योगगुरू बाबा रामदेव और उनके समर्थकों पर रामलीला मैदान पर हुई पुलिस कार्रवाई के खिलाफ बुधवार को अपने सहयोगियों के साथ राजघाट पर अनशन शुरू करने के बाद दोपहर करीब सवा बारह बजे अपने संबोधन में हज़ारे नेऔरऔर भी

बाबा रामदेव प्रकरण पर कांग्रेस और यूपीए सरकार में फजीहत झेल रहे मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्ब्ल अब धर्मगुरुओं को पटाने में जुट गए हैं। सोमवार को उन्होंने पुरी के शंकराचार्य अधोक्षानंद को दिल्ली बुलाकर मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद अधोक्षानंद ने बाबा रामदेव के खिलाफ सरकार की कार्रवाई का समर्थन किया। उन्होंने इस संकट का पूरा दोष योगगुरू पर लगाते हुए कहा कि उन्हें अब भगवा चोला त्याग देना चाहिए। पुरी के शंकराचार्य नेऔरऔर भी