एक जगह फिसड्डी बना इंसान दूसरी जगह जाते ही चमकने लगता है। सब सही प्लेसिंग का कमाल है। संयोग कभी-कभी आपकी सही प्लेसिंग कर देता है, पर अक्सर हमें अपनी जगह खुद बनानी पड़ती है।
2010-09-24
एक जगह फिसड्डी बना इंसान दूसरी जगह जाते ही चमकने लगता है। सब सही प्लेसिंग का कमाल है। संयोग कभी-कभी आपकी सही प्लेसिंग कर देता है, पर अक्सर हमें अपनी जगह खुद बनानी पड़ती है।
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सब प्लेसमेन्ट का कमाल है।