ऑप्टो सर्किट्स भांति-भांति के मेडिकल उपकरण बनाती है। ईसीजी से लेकर दिल के स्टेंट तक। 1992 में बनी बेंगालुरू की कंपनी है। लेकिन अमेरिका, यूरोप, जापान, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, रूस व चीन समेत दुनिया के 150 से ज्यादा देशों में अपने उत्पाद बेचती है। अमेरिका की औषधि नियामक संस्था, यूएसएफडीए की सूची में है। कंपनी के पास फिलहाल 168 पेटेंट हैं, जबकि 53 पेटेंट विचाराधीन हैं। पिछले तीन सालों में उसकी बिक्री 50.18 फीसदी और लाभ 39.43 फीसदी की सालाना चक्रवृद्धि दर से बढ़ा है। उसका इक्विटी पर रिटर्न 30.11 फीसदी और नियोजित पूंजी पर रिटर्न 23.97 फीसदी है। ये आंकड़े कंपनी के बिजनेस मॉडल की ताकत को साबित करते हैं।
कंपनी ए ग्रुप व बीएसई-200 में शामिल है। उसका दस रुपए अंकित मूल्य का शेयर कल, 20 दिसंबर 2011 को 52 हफ्ते के नए न्यूनतम स्तर 183 रुपए पर पहुंचने के बाद बीएसई (कोड – 532391) में 184.60 रुपए और एनएसई (कोड – OPTOCIRCUI) में 184.25 रुपए पर बंद हुआ है। इसके दिसंबर फ्यूचर्स का भाव 184.60 रुपए और जनवरी फ्यूचर्स का भाव 185.35 रुपए चल रहा है। मार्च 2009 में यह शेयर नीचे में 75.55 रुपए और दिसंबर 2008 में इससे भी नीचे 69.50 रुपए तक चला गया था। पिछले 52 हफ्ते का इसका शिखर 310.40 रुपए का है जो इसने 9 मई 2011 को हासिल किया था। उससे पहले ऊपर में यह सितंबर 2010 में 327.90 रुपए और दिसंबर 2007 में 341.77 रुपए तक जा चुका है। इसका आईपीओ अक्टूबर 2000 में आया था जिसमें दस रुपए अंकित मूल्य के शेयर 50 रुपए पर जारी किए गए थे।
ग्यारह साल में इतना गिरने के बावजूद शुरूआती निवेशकों की पूंजी तीन गुनी से ज्यादा। 12.63 फीसदी का सालाना चक्रवृद्धि (सीएजीआर) रिटर्न। आगे लगातार बढ़ते जाने की भरपूर संभावना है। असल में हमारे-आप जैसे आम निवेशकों के लिए ऐसी ही कंपनियां सबसे माफिक होती हैं। इनमें एक बार निवेश करके कम से कम अगले दस सालों के लिए निश्चिंत हो जाना चाहिए। किसी हायतौबा की जरूरत नहीं। वैसे भी यह शेयर कल ही पिछले एक साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंचा है। हो सकता है कि बाजार में जारी बवंडर के बीच थोड़ा और गिर जाए, लेकिन इसे थोड़ा-थोड़ा करके खरीदते रहने में कोई हर्ज नहीं है।
बीते पूरे वित्त वर्ष 2010-11 में कंपनी ने 603.20 करोड़ रुपए की बिक्री पर 244.38 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया था। इस साल सितंबर 2011 की तिमाही में उसकी स्टैंड-एलोन बिक्री 13.59 फीसदी बढ़कर 162.67 करोड़ रुपए और शुद्ध लाभ 12.68 फीसदी बढ़कर 57.60 करोड़ रुपए हो गया। लेकिन कंसोलिडेटेड रूप से उसकी बिक्री 69.6 फीसदी बढ़कर 562.04 करोड़ रुपए और शुद्ध लाभ 56.45 फीसदी बढ़कर 121.06 करोड़ रुपए हो गया। उसका ठीक पिछले बारह महीनों (टीटीएम) का स्टैंड-एलोन ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 13.42 रुपए है और इस लिहाज से उसका शेयर 13.76 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। वहीं उसका कंसोलिडेटेड टीटीएम ईपीएस 23.78 रुपए है और इसके आधार पर उसका पी/ई अनुपात 7.76 ही निकलता है।
वैसे, इसके कंसोलिडेटेड धंधे को ही तवज्जो दी जानी चाहिए क्योंकि उसकी उत्पादन इकाइयां भारत ही नहीं, मलयेशिया व अमेरिका तक फैली हैं। उसने साल भर पहले अमेरिकी कंपनी कार्डियाक साइंस का अधिग्रहण किया है। भारत में उसका उत्पादन संयंत्र विशाखापट्टनम में है। उसने विशाखापट्टनम व मलयेशिया में नई इकाइयां भी लगाई हैं। उसका इरादा कम कीमत वाले मेडिकल उपकरण बनाकर दुनिया के उभरते बाजारों तक पहुंचने का है। साथ ही कंपनी अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी ऑप्टो यूरोकोर हेल्थकेयर का आईपीओ लाने की तैयारी में हैं जिसके तहत प्रवर्तकों की 25 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर करीब 1000 करोड़ रुपए जुटाए जाएंगे। इस धन का इस्तेमाल कंपनी आर एंड डी (अनुसंधान व विकास) की सुविधाएं बढ़ाने पर करेगी।
यह सच है कि सितंबर 2011 के अंत तक कंपनी के ऊपर कुल 1080 करोड़ रुपए का कर्ज है जिसमें से करीब 450 करोड़ रुपए उसने विदेशी अधिग्रहण के लिए लिये थे। इसके बावजूद उसका ऋण-इक्विटी अनुपात 0.62 फीसदी के सुरक्षित स्तर पर है। कंपनी की इक्विटी 186.4 करोड़ रुपए है। इसका 28.05 फीसदी हिस्सा प्रवर्तकों के पास है और उन्होंने अपना कोई शेयर गिरवी नहीं रखा है। बाकी 71.95 फीसदी इक्विटी पब्लिक के पास है। इसमें भी 38.16 फीसदी एफआईआई और 1.30 फीसदी डीआईआई के पास हैं।
कंपनी के शेयरधारकों की कुल संख्या 50,389 है। इसमें से 1235 एनआरआई हैं जिनके पास कंपनी के 7.81 फीसदी शेयर हैं। एक लाख रुपए से कम निवेश करनेवाले उसके कुल 47,304 (93.88 फीसदी) छोटे निवेशक हैं जिनके पास कंपनी के 8.81 फीसदी शेयर हैं। कंपनी में प्रवर्तकों से अलग एक फीसदी से ज्यादा शेयरधारिता वाले 10 निवेशक हैं जिनके पास उसके कुल 23.85 फीसदी शेयर हैं। इसमें कंपनी के वित्त निदेशक वालिवेती भास्कर भी शामिल हैं जिनके पास 1.26 फीसदी शेयर हैं। कंपनी पिछले पांच सालों में लाभांश देने से एक बार भी नहीं चूकी है। उसका पिछला लाभांश दस रुपए पर 4.50 रुपए यानी 45 फीसदी का रहा है। उसका मौजूदा लाभांश यील्ड 2.44 फीसदी बनता है। लाभांश यील्ड की गणना कंपनी के शेयर के बाजार भाव पर की जाती है, जबकि सामान्य लाभांश की दर शेयर के अंकित मूल्य पर निकाली जाती है।
GOOD EVENING SIR
AJJ PHIR DANKE KI CHOT PAR TARGET HAA HAAA HAAA HAA