टीसीएस के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर निर्यातक कंपनी इनफोसिस टेक्नोलॉजीज ने नए वित्त वर्ष 2011-12 के लिए उम्मीद के अनुरूप डॉलर में आय के 18 से 20 फीसदी बढ़ जाने का अनुमान पेश किया, वित्त वर्ष 2010-11 में उसकी आय भी 20.9 फीसदी बढ़ गई है। फिर भी कुछ ऐसी चीजें हो गईं जो बाजार को रास नहीं आईं। सो, उसका शेयर शुक्रवार को बीएसई में 9.59 फीसदी गिरकर 2988.80 रुपए और एनएसई में 9.58 फीसदी गिरकर 2989.50 रुपए पर बंद हुआ। बाजार बंद होते-होते एक बार तो यह 2976.10 तक चला गया था जो 9.98 फीसदी की गिरावट दिखाता है।
नतीजों के आने से दो दिन पहले छह ब्रोकर फर्मों ने अनुमान लगाया था कि मार्च 2011 की चौथी तिमाही में इनफोसिस का समेकित शुद्ध लाभ दिसंबर 2010 की तीसरी तिमाही से 3.3 फीसदी से 6.7 फीसदी बढ़कर 1839.40 करोड़ रुपए से 1899.20 करोड़ रुपए रह सकता है। लेकिन वास्तव में उसका शुद्ध लाभ पिछली तिमाही से 2.1 फीसदी बढ़कर 1818 करोड़ रुपए पर ही पहुंचा। हालांकि साल भर पहले की तुलना में यह वृद्धि 17.1 फीसदी है। इसी तरह ब्रोकरों को चौथी तिमाही में कंपनी की आय के तीसरी तिमाही से 4.2 फीसदी से 6 फीसदी बढ़कर 7407.80 करोड़ रुपए से 7531 करोड़ रुपए रहने का अनुमान था। लेकिन असली आंकड़ा 2 फीसदी बढ़कर 7250 करोड़ रुपए तक ही पहुंच पाया। हालांकि पिछले वर्ष मार्च 2010 की तिमाही की तुलना में आय पूरे 22 फीसदी बढ़ी है।
लेकिन शेयर बाजार में भाव तो उम्मीदों के हिसाब से चलते हैं। सो, इतनी नाउम्मीदी हुई तो शेयर गिरने ही थे। बाजार को दूसरा झटका इस बात से लगा कि इनफोसिस के जिस मानव संसाधन निदेशक मोहनदास पई को कुछ दिनों पहले तक कंपनी का अगला सीईओ बनाए जाने की खबरें चली थीं, उसने बोर्ड की सदस्यता ही छोड़ने की पेशकश की है। कंपनी ने कहा कि पई के कंपनी छोड़ने का नेतृत्व संरचना में बदलाव से कोई लेना-देना नहीं है और वे शिक्षा के क्षेत्र में स्वतंत्र काम करने के लिए अपना पद छोड़ रहे हैं। पई को 11 जून 2011 से कंपनी की सालाना आमसभा के बाद मुक्त कर दिया जाएगा।
बाजार ने इस खबर को अच्छी तरह नहीं लिया है तो इसका भी नकारात्मक असर उसके भावों पर पड़ा है। वैसे, पूरे वित्त वर्ष 2010-11 में इनफोसिस ने समेकित रूप से 27,501 करोड़ रुपए की आय पर 6823 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया है, जबकि इससे पहले 2009-10 में उसकी आय 22,742 करोड़ रुपए और शुद्ध लाभ 6219 करोड़ रुपए था। इस तरह सालाना तुलना में उसकी आय में 20.93 फीसदी और शुद्ध लाभ में 9.71 फीसदी का इजाफा हुआ है। कंपनी का ईपीएस अभी 119.45 रुपए है। इनफोसिस व उनकी अनुषंगी इकाइयों में कार्यरत कुल कर्मचारियों की संख्या मार्च 2011 के अंत तक 1,30,820 है। कंपनी ने बीते वित्त वर्ष 2010-11 के लिए 5 रुपए अंकित मूल्य के शेयर पर 20 रुपए का अंतिम लाभांश घोषित किया है।
नए वित्त वर्ष 2011-12 के लिए कंपनी का आधिकारिक अनुमान है कि उसकी आय रुपए में 15.4 फीसदी से 17.3 फीसदी बढ़कर 31,727 करोड़ रुपए से 32,270 करोड़ रुपए के बीच हो सकती है, जबकि ईपीएस (प्रति शेयर शुद्ध लाभ) के 5.5 फीसदी से 7.3 फीसदी बढ़कर 126.05 रुपए से 128.21 रुपए तक रहने का अनुमान है। ये अनुमान इस साल हासिल की गई वास्वतिक वृद्धि से कम है। इसलिए भी शेयरों के भाव नीचे आए हैं।
इस बीच इनफोसिस नेतृत्व में पुनर्गठन के दौर से गुजर रही। कंपनी के मुख्य संस्थापक एन आर नारायण मूर्ति अगस्त 2011 के बाद चेयरमैन का पद छोड़ रहे हैं। कंपनी डॉलर में आ रहे उतार-चढ़ाव का असर भी झेल रही है। शुक्रवार को कंपनी के सीएफओ (चीफ फाइनेंस अफसर) वी बालाकृष्णन ने बैंगलोर में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान माना कि मुद्रा की चंचलता की चुनौती बरकरार है।
कोटक महिंद्रा की फंड मैनेजमेंट इकाई के निवेश प्रबंधन नितिन जैन का कहना है कि कंपनी के मार्जिन पर दबाव है। लागत का दबाव है और रुपए की विनिम. दर का भी। भावी अनुमान भी बाजार की अपेक्षा से कम हैं तो शेयर को गिरना ही था। आय का अनुमान तो कमोबेश अपेक्षा के अनुरूप है, लेकिन शुद्ध लाभ के मोर्चे पर थोड़ी निराशा हुई है।