गोमुख की कॉल पकड़ते हैं बनारस में!

बड़े ही दुख की बात है कि निवेशकों व ट्रेडरों को हमेशा इस बाजार में बलि का बकरा बनाया जाता है। एक बुरा नतीजा आया नहीं कि एफआईआई स्टॉक्स को बाजार भाव से 10 फीसदी नीचे पर बेचना शुरू कर देते हैं। हालांकि मैं अभी तक इस बात को लेकर अचंभित रहा हूं कि इनफोसिस कैसे अपने मूल्यांकन को 30 के पी/ई अनुपात पर टिकाए हुए है। इस दौरान हमें अपनी रिसर्च डेस्क से पर्याप्त संकेत भी मिल रहे थे कि इनफोसिस इस बार अपने नतीजों से निराश करेगी।

हमने इनफोसिस में 3265 रुपए पर 3000 रुपए के लक्ष्य के साथ बेचने की कॉल पेश की थी। हालांकि 3200 रुपए पर पहुचने पर हमने इस पर चुप्पी साध गए क्योंकि ट्रेडरों को एफआईआई की रणनीति समझा पाना बहुत मुश्किल है। अगर स्टॉक 50 रुपए बढ़ जाता है तो फोन करके कहते हैं कि आपकी कॉल गलत निकल गई। खैर, अब पोस्टमोर्टम करने का कोई फायदा नहीं है। नतीजे निश्चित रूप से बुरे रहे हैं। लेकिन शेयर गिरकर अभी जहां पर है, वह स्तर कतई बुरा नहीं है। यह स्टॉक इस समय ओवरसोल्ड स्थिति में है और अब हम इसमें सार्थक खरीद देख सकते हैं। टीसीएस शानदार नतीजे पेश करनेवाली है और वह बाजार की मनोदशा फिर से पलट देगी।

हम अपनी रिसर्च और उससे निकले सार पर यकीन रखते हैं। इसी के दम पर हम बाजार को हीरो होंडा और एसबीआई में तब बिक्री की कॉल दे सके हैं जब वे अपने चरम पर थे और किसी को हमारी बात पर भरोसा नहीं था। बाजार को बाद में सच का अहसास हुआ। इसके अलावा कम से कम 100 ऐसे स्टॉक्स हैं जिनमें खरीद की कॉल इसी गोमुख से शुरू होती है और खत्म होती है पश्चिम बंगाल में जाकर। आप कानपुर या बनारस के आसपास एंट्री लेते हो। तब तक तो शुद्धता में मिलावट हो चुकी होती है। खैर, खरीदने का फैसला तो अंततः आपको ही करना होता है।

बाजार अभी बुरा नहीं है। हालांकि इनफोसिस के नतीजों के बाद इसमें करेक्शन आया है जिसका अंदाजा हमें बुधवार को ही लग गया था और हमने निफ्टी से अपनी कॉल हटा दी थी। अब बाजार फिर ओवरसोल्ड हो चुका है। रोलओवर में केवल आठ दिन बचे हैं। इस दौरान कंपनियों के नतीजे भी आते जाने हैं। मैं व्यक्तिगत रूप से बी एफ यूटिलिटीज, जी ई शिपिंग, ग्रेट ऑफशोर, केन्नामेटल इंडिया, जेट एयरवेज, इनफोसिस, टीसीएस, जयप्रकाश एसोसिएट्स, एचसीसी, इंडिया बुल्स रीयल एस्टेट, रैनबैक्सी, बॉम्बे डाईंग, सेंचुरी टेक्सटाइल्स, आईएफसीआई, डीसीबी, यूको बैंक और आईडीबीआई को लेकर तेजी की धारणा रखता हूं।

निफ्टी ने 5830 से 5840 के स्तरों पर कसकर टिके रहने का दम दिखाया है। मैं पूरी तरह मानता हूं कि निफ्टी में 6000 को पार करने का दमखम है। आज निफ्टी में जो भी नुकसान हुआ है, उसे दूसरे स्टॉक्स की खरीद से पूरा किया गया। टीसीएस, टाटा मोटर्स, एसबीआई, बीएचईएल और रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) जैसे वजनदार शेयरों की खरीद से निफ्टी वापसी करेगा और इनफोसिस में आया सुधार उसे 6000 के पार ले जाएगा।

इस बीच बी ग्रुप के शेयरों में खरीद का मौका बना हुआ है। जो लोग ट्रेडिंग की खातिर और भयवश बेच रहे हैं, वे सममुच परले दर्जे के मूर्ख हैं। सेंसेक्स में 24,000 का मेरा लक्ष्य जस का तस बरकरार है। मेरा मानना है कि चाहे कुछ भी हो जाए, 2014 तक सेंसेक्स 42,000 तक पहुंच जाएगा। असल में, आरजे (राकेश झुनझुनवाला ) और उनके जैसे दूसरे लोग तो मानते हैं कि 2016 तक सेंसेक्स 75,000 अंक तक भी जा सकता है।

जोखिम उठाइये और आज रात एमसीएक्स में (11 बजे तक होती है ट्रेडिंग) सोना व चांदी बेच डालिए और मंगलवार तक ऊपर में 2 से 3 फीसदी का स्टॉप लगाकर चलिए। मैं सोमवार को बहुत बुरी खबर की उम्मीद कर रहा हूं जिसकी अगर घोषणा हो गई तो सोने व चांदी अपने-आप ही 10 से 12 फीसदी घसक जाएंगे।

बातचीत की असली कला यही नहीं है कि हम सही मौके पर सही बात बोलें, बल्कि यह भी है कि होठों तक आ चुकी गलत बात को अनकहा रहने दें।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)

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