मई में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर पिछले नौ महीनों में सबसे कम रही है। सांख्यिकी व कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार मई 2011 में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) साल भर पहले की तुलना में महज 5.6 फीसदी बढ़ा है। मई 2010 में आईआईपी में 8.5 फीसदी बढ़ा था।
मंगलवार को इन आंकड़ों के जारी होने के बाद वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा कि मई माह की औद्योगिक वृद्धि उत्साहजनक नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र की उत्पादकता बढ़ाने के लिए कदम उठाने की तैयारी में है। राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा आयोजित एक बैठक में उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
हालांकि, उन्होंने कहा कि केवल एक दो माह के आंकड़ों के आधार को रुझान नहीं माना जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं आमतौर पर यह नहीं मानता कि मासिक और साप्ताहिक आंकड़ों को वास्तविक रुझान के रूप में देखा जाना चाहिए। कम से कम तिमाही आंकड़ों को ध्यान में रखना होगा अन्यथा समस्याएं पैदा होंगी।
मैन्यूफैक्चरिंग और खनन क्षेत्र के निराशाजनक प्रदर्शन के चलते मई में औद्योगिक वृद्धि दर घटकर 5.6 फीसदी पर आ गई है। वर्ष 2004-05 के आधार वर्ष के साथ नई सीरीज के मुताबिक अप्रैल में मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र की वृद्धि दर संशोधित कर 5.7 फीसदी कर दी गई, जबकि इससे पहले 6.3 फीसदी वृद्धि का अनुमान लगाया गया था।
ताजा आंकड़ों के मुताबिक, इस साल अप्रैल-मई में औद्योगिक क्षेत्र की वृद्धि दर औसतन 5.7 फीसदी रही है जो बीते साल की समान अवधि मं 10.8 फीसदी थी। आईआईपी में 75 फीसदी से अधिक भारांश रखने वाले मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र की वृद्धि दर मई 2011 में महज 5.6 फीसदी रही जो बीते साल की इसी अवधि में 8.9 फीसदी थी। इसी तरह, खनन क्षेत्र ने महज 1.4 फीसदी की वृद्धि दर हासिल की जो बीते साल मई में 7.9 फीसदी थी। दूसरी ओर, पूंजीगत सामान क्षेत्र की वृद्धि दर भी महज 5.9 फीसदी रही जो पिछले साल मई में 15.8 फीसदी थी।