आयकर विभाग द्वारा 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में धन की प्रवाह की जांच अब कोलकाता की उन 19 ‘संदिग्ध’ कंपनियों पर आकर टिक गई है, जिनका कलैगनर टीवी ने कथित रूप से सिनेयुग के 230 करोड़ रुपए के लौटाने के लिए इस्तेमाल किया है। यह राशि कलैगनर टीवी ने कर्थित तौर पर ‘कर्ज’ के रूप में ली थी। स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले की अपनी जांच के दौरान आयकर विभाग ने कोलकाता की 19 कंपनियों पर शिकंजा कसा है, जिनका इस्तेमाल कलैगनर टीवी को 52.20 करोड़ रुपए का भुगतान करने के लिए किया गया।
इन कंपनियों से धन का ट्रांसफर सफायर मीडिया एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर को किया गया जिसने अंजुगम फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड को 83 करोड़ रुपए का ऋण दिया। उसने आगे कलैगनर टीवी को 69.61 करोड़ रुपए का ऋण दिया। यह राशि कलेंगनर टीवी सिनेयुग मीडिया एंड एंटरटेनमेंट के 200 करोड़ रुपए के ऋण के लिए 230.32 करोड़ रुपए वापस करने की तथाकथित योजना के तहत की गई।
कलैगनर टीवी को सिनेयुग मीडिया से दिसंबर, 2008 से अगस्त, 2009 के बीच 200 करोड़ रुपए मिले। सीबीआई का कहना है कि यह राशि डीबी रीयल्टी के प्रवर्तक शाहिद बलवा ने पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा के कार्यकाल में अपनी कंपनी स्वान टेलिकॉम के लिए 2जी स्पेक्ट्रम का आवंटन पाने के लिए रिश्वत के रूप में दी थी।
सीबीआई का आरोप है कि इस मामले की जांच शुरू होने के साथ ही कलैगनर टीवी ने इस पैसे को लौटाने का प्रयास शुरू किया जिससे यह दिखाया जा सके कि यह राशि कर्ज के रूप में ली गई थी। कलैगनर टीवी में तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि के परिवार की 80 फीसदी हिस्सेदारी है। इसमें से 60 फीसदी उनकी पहली पत्नी दयालु अम्माल के पास और 20 फीसदी उनकी बेटी व राज्यसभा सांसद कनिमोड़ी के पास है। कनिमोड़ी इस समय तिहाड़ जेल में बंद हैं।