ग्लोडाइन टेक्नोसर्व आईटी सेवाओं में सक्रिय मुंबई की कंपनी है। आनंद सरनायक इसके संस्थापक प्रवर्तक और सीएमडी हैं। सरनायक 1997 में यह कंपनी बनाने से पहले एचसीएल-एचपी में काम करते थे। कंपनी की दो खास सेवाएं हैं टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट सर्विसेज (आईएमएस) और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर सर्विसेज। आप कहेंगे कि इससे हमको क्या लेना-देना। तो बात यह है कि ठीकठाक धंधा कर रही इस कंपनी का शेयर कल 18 जुलाई 2011 को अपने न्यूनतम स्तर 298 रुपए तक चला गया। आसार है कि अभी इसे और धुना जाएगा।
अगर कंपनी अच्छी है तो उसका शेयर इस स्तर से उठकर अच्छा रिटर्न दे सकता है और कंपनी खराब है तो पूंजी बाजार में अच्छी आईटी कंपनियों की कोई कमी तो है नहीं। टीसीएस, इनफोसिस, विप्रो व एचसीएल टेक्नोलॉजीज में कभी भी लंबे समय का सुरक्षित निवेश किया जा सकता है। ग्लोडाइन का छह रुपए अंकित मूल्य का शेयर कल न्यूनतम स्तर तक जाने के बाद बीएसई (कोड – 532672) में 303.10 रुपए और एनएसई (कोड – GLODYNE) में 303.60 रुपए पर बंद हुआ है।
बीते वित्त वर्ष 2010-11 में कंपनी की बिक्री 38.89 फीसदी बढ़कर 982.37 करोड़ रुपए और शुद्ध लाभ 49.95 फीसदी बढ़कर 145.18 करोड़ रुपए हो गया है। कंपनी की इक्विटी 26.30 करोड़ रुपए है जो 6 रुपए अंकित मूल्य के 4,38,25,280 शेयरों में विभाजित है। शुद्ध लाभ को कुल शेयरों की संख्या से भाग देने पर उसका सालाना ईपीएस (प्रति शेयर मुनाफा) 33.15 रुपए निकलता है। इस तरह उसका शेयर अभी 9.14 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। इसी साल मार्च में यह 23.87 के पी/ई पर ट्रेड हुआ था और तब उसका भाव 473 रुपए तक चला गया था।
इससे पहले ग्लोडाइन टेक्नोसर्व का यह शेयर 11 नवंबर 2010 को 33.38 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हुआ था और उस दिन हासिल किया गया 775.80 रुपए का भाव इसका पिछले 52 हफ्तों का उच्चतम स्तर है। आखिर ऐसा क्या हो गया जो बाजार ने इसे नजरों से इतना गिरा दिया? इसकी तो वित्तीय प्रगति ठीकठाक क्या, अच्छी ही रही है। पिछले तीन सालों में इसकी बिक्री 64.67 फीसदी और शुद्ध लाभ 70.77 फीसदी की सालाना चक्रवृद्धि दर से बढ़ा है।
ऊपर से पिछले ही महीने कंपनी ने घोषित किया है कि वह भारत में ई-गवर्नेंस सेवाएं देनेवाली कंपनी कोमैट टेक्नोलॉजीज का अधिग्रहण कर रही है। कोमैट सरकार की सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) का नया तंत्र खड़ा करने से लेकर यूनीक आइडेंटिफिकेशन (यूआईडी) सेवाओं तक से जुड़ी हुई है। इसका हर हाल में फायदा ग्लोडाइन टेक्नोसर्व को मिलेगा क्योंकि यूआईडी और पीडीएस का तंत्र इस समय सरकार के सर्वोपरि एजेंडे में है। फिर भी 10 जून 2011 को इस घोषणा के बाद ग्लोडाइन टेक्नोसर्व का शेयर गिरता ही जा रहा है। उस दिन ऊपर में 410 रुपए तक गया था और कल 18 जुलाई को नीचे में 298 रुपए तक गिर गया। महीने भर के अंदर 27.31 फीसदी के इस गोते की कोई वजह मुझे नहीं समझ में आती। आपको पता हो तो जरूर बताइएगा।
मार्च 2011 तक की स्थिति के अनुसार कंपनी की 26.30 करोड़ रुपए की इक्विटी में पब्लिक की 44.51 फीसदी और प्रवर्तकों की 55.49 फीसदी भागीदारी है। पेंच बस यहीं पर है कि प्रवर्तकों ने अपने हिस्से के 64.41 फीसदी (कंपनी के कुल शेयरों का 35.74 फीसदी) शेयर गिरवी रखे हुए हैं। लेकिन मुझे लगता है कि कोई चीज यूं ही पड़ी है तो उसे अगर बतौर जमानत रखकर सस्ता ऋण मिल जाए तो इसमें हर्ज ही क्या है! वैसे भी कंपनी के ऊपर अभी कुल 97.69 करोड़ रुपए का ऋण है, जबकि उसके पास 236.86 करोड़ रुपए के रिजर्व हैं और कंपनी का उद्यम मूल्य 1418.77 करोड़ रुपए है।
कंपनी का ऋण/इक्विटी अनुपात मात्र 0.40 है और कंपनी का इक्विटी पर रिटर्न 43.88 फीसदी है। ऐसे में मुझे तो यही लगता है कि कंपनी को इस तलहटी से उठा लेने में फायदा ही फायदा है। 25 फीसदी रिटर्न तो उसका शेयर आसानी से दे सकता है। हां, कंपनी की इक्विटी में एफआईआई ने 8.05 फीसदी निवेश कर रखा है और प्रवर्तकों ने मार्च के बाद 25 मई को कंपनी के 3.26 लाख शेयर बाजार से खरीदे हैं। इसके बाद उनकी इक्विटी हिस्सेदारी 0.74 फीसदी जुड़कर 56.23 फीसदी हो गई है। एक बात और। कंपनी 2006 से लेकर अब तक हर साल बराबर लाभांश देती रही है।