सब्जियों और कुछ दालों के दाम नीचे आने से 30 अप्रैल 2011 को समाप्त सप्ताह में खाद्य मुद्रास्फीति की दर हफ्ते भर पहले की तुलना में 0.83 फीसदी घटकर 7.70 प्रतिशत रह गई। यह पिछले 18 महीनों में खाद्य मुद्रास्फीति का न्यूनतम स्तर है।
थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित खाद्य मुद्रास्फीति एक हफ्ते पहले 8.53 फीसदी रही थी। यह लगातार दूसरा सप्ताह रहा है जब खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट दर्ज की गई। एक साल पहले इसी सप्ताह के आसपास खाद्य मुद्रास्फीति 21.46 फीसदी के उच्चस्तर पर थी।
खाद्य मुद्रास्फीति के आठ फीसदी से नीचे आने से सरकार राहत के सांस ले सकेगी। रिजर्व बैंक और सरकार पिछले एक साल से महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए लगातार प्रयास करते रहे हैं। हालांकि, सकल मुद्रास्फीति को लेकर रिजर्व बैंक की चिंता अभी भी बनी हुई है।
खाद्य मुद्रास्फीति के ताजा आंकडों के अनुसार समीक्षागत सप्ताह के दौरान एक साल पहले इसी सप्ताह की तुलना में दाल-दलहन के दाम 9.05 फीसदी नीचे आए हैं जबकि सब्जियों में 3.64 फीसदी की नरमी रही। सालाना आधार पर आलू के दाम 3.58 फीसदी घटे हैं। हालांकि, अनाज और कुछ फलों के दाम अब भी ऊंचे बने हुए हैं। दूध, अंडा और मछली के दाम भी ऊंचे बने हुए हैं। फलों में 35.43 फीसदी तो प्याज में 12.42 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है।
बता दें कि रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने के लिए इसी महीने की शुरुआत में जारी सालाना मौद्रिक नीति में रेपो और रिवर्स रेपो दरों प्रत्येक में आधा फीसदी वृद्धि कर दी। उसने आर्थिक विकास को तरजीह देने के बजाय फिलहाल मुद्रास्फीति पर शिकंजा कसने को प्राथमिकता दी है।