करीब छह महीने पहले नवंबर में हल्ला उठा था कि 3आई इनफोटेक में वन-मैन आर्मी (केतन पारेख) ने एंट्री ले ली है। फिर जनवरी-फरवरी में इस खबर ने दोबारा जोश मारा कि आईसीआईसीआई बैंक 3आई इनफोटेक में अपनी पूरी की पूरी 20.33 फीसदी बेचने जा रहा है। ये दोनों ही सूचनाएं हमने सबसे पहले पेश कीं। अब बड़े बिजनेस चैनल ने सूत्रों के हवाले खबर दी थी कि 3आई इनफोटेक की हिस्सेदारी आईसीआईसीआई बैंक आईबीएम को बेचने जा रही है और आईबीएम ने प्रति शेयर 65-85 रुपए देने की पेशकश की है। हालांकि 3आई इनफोटेक का शेयर नवंबर 2010 में 72.15 रुपए की ऊंचाई से फरवरी 2011 में 38.15 रुपए की तलहटी बना चुका है। आज भी वह करीब दो फीसदी की गिरावट के साथ 49.40 रुपए तक जा चुका है।
खबरें बाजार के लिए बेहद अहम होती हैं। वह आपके पास औरों के कितने पहले पहुंच जाती है, यह बहुत मायने रखता है। हम बराबर कोशिश करते हैं कि अपनी रिसर्च के दम पर वह खबर पहले आपके सामने पेश कर दें जो मीडिया में काफी देर से आती है। लेकिन यह बात कभी-कभी छोटे व रिटेल निवेशकों को समझा पाना बहुत मुश्किल होता है। जैसे, रैनबैक्सी के बारे में हमने बताया कि क्यों इसमें लहर आनेवाली है। फिर बुरी खबर आने पर यह गिर गया। लेकिन इस नकारात्मक खबर के असर को समाहित करने के बाद अब वो फिर से बढ़कर नई रेंज में पहुंच गया है।
हालांकि बाजार खबरों को आ जाने के बाद भी उसे दबाकर रखता है या उसका असर नहीं होने देता। बड़ा विचित्र सत्य है कि वह अपने हिसाब से असर का समय तय करता है। इसकी वजह यह है कि अपने यहां तो हर शेयर के साथ किसी न किसी निहित स्वार्थ का नाता है। हम न तो ब्रोकर हैं और न ही मार्केट मेकर। इसलिए हम केवल रिसर्च के जरिए अपना आकलन पेश कर सकते हैं। और, आप कुछ नहीं, बस भरोसे के साथ धैर्य रख सकते हैं। जब भी आप अपना धैर्य खोते हैं, बाजार आपका विकेट उखाड़ सकता है। यह सब कुछ क्रिकेट के खेल जैसा है जहां सेकंडों में गलती हो जाती है और आपको पता चले, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।
मार्च 2011 में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के आंकड़ों ने सबको चौंका कर रख दिया है। जहां बाजार में उम्मीद 3.6 फीसदी से 4 फीसदी की हो रही थी, वहीं वास्वतिक आंकड़ा 7.3 फीसदी का रहा है। खासकर मैन्यूफैक्चिंरग सेक्टर में विकास की दर 7.9 फीसदी रही है, जबकि महीने भर पहले फरवरी में यह 3.6 फीसदी थी।
माना जा रहा था कि बाजार को किसी उकसावे की जरूरत है और आईआईपी का आंकड़ा ये काम कर सकता है। लेकिन बाजार तो इसके बावजूद पिटा पड़ा है। दोपहर ढाई बजे तक निफ्टी 1.53 फीसदी की गिरावट के साथ 5479.90 तक पहुंच चुका था। फिर भी मेरा मानना है कि निफ्टी में ऊपर का तात्कालिक लक्ष्य 5615 का है। यह पहुंचने पर मंदड़िए अपना दांव जमकर खेलने की कोशिश करेंगे। लेकिन इसके 5645 के ऊपर पहुंचने पर शॉर्ट कवरिंग शुरू हो जाएगी। और, निफ्टी 5750 के ऊपर पहुंच गया तो कोई भी इसके 4800 तक जाने की बात नहीं करेगा।
मिड कैप स्टॉक्स में रैली जल्दी ही शुरू हो सकती है क्योंकि इन शेयरों के स्वामित्व का अभी जो स्वरूप हैं, वह साफ-साफ ऑपरेटरों के फायदे में है। ऑपरेटर खेल की तैयारी में जुट गए हैं।
औसत शिक्षक बताता है। अच्छा शिक्षक व्याख्यायित करता है। उत्कृष्ट शिक्षक करके दिखाता है। महान शिक्षक प्रेरित करता है।
(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का paid कॉलम है, जिसे हम यहां मुफ्त में पेश कर रहे हैं)