खाद्य वस्तुओं पर आधारित मुद्रास्फीति लगातार दो सप्ताह तक इकाई अंक में रहने के बाद खाद्य मुद्रास्फीति फिर दहाई अंक में पहुंच गई है। सब्जी, फल, अंडा और मछली जैसी चीजों के दाम बढ़ने से 12 मार्च को समाप्त सप्ताह के दौरान खाद्य मुद्रास्फीति बढ़कर 10.05 फीसदी हो गई। इससे पिछले सप्ताह में यह 9.42 फीसदी थी और उससे पहले हफ्ते में यह 9.52 फीसदी थी।
खाद्य मुद्रास्फीति में इस वृद्धि से सरकार और रिजर्व बैंक की चिंता बढ़ सकती है जो महंगाई को काबू में लाने को सबसे बड़ी चुनौती मान रहे हैं। आलोच्य सप्ताह के दौरान सब्जी की कीमत सालाना आधार पर 11.20 फीसदी बढ़ गई। आलू 2.82 फीसदी महंगा हुआ, वहीं प्याज के दाम में सालाना आधार पर 10.80 फीसदी की वृद्धि हुई।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार फल के दाम में सालाना आधार पर 23.60 फीसदी वृद्धि हुई जबकि अंडा, मांस और मछली 13.21 फीसदी महंगी हुई। आलोच्य सप्ताह के दौरान दूध सालाना आधार पर 6.63 फीसदी महंगा हुआ। इसी प्रकार, अनाज का भाव 4.45 फीसदी बढ़ा है। चावल और गेहूं के दाम में क्रमशः 2.75 फीसदी और 2.15 फीसदी की तेजी दर्ज की गई।
आलोच्य सप्ताह में गैर-खाद्य वस्तुओं की कीमत में 26.78 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई है। खनिज 12.35 फीसदी महंगा हुआ जबकि पेट्रोल की कीमत में 23.14 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई।
बता दें कि सकल मुद्रास्फीति फरवरी 2010 से लेकर अब तक 8 फीसदी से आसपास बनी हुई है। इस साल फरवरी में यह 8.31 फीसद थी। रिजर्व बैंक मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए प्रमुख नीतिगत दरों में पिछले साल मार्च से अब तक आठ बार वृद्धि कर चुका है।