चुनाव भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा स्रोत बन गया है – यह कहना है खुद देश के मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी का। हालांकि यह सच देश का हर नागरिक जानता है। लेकिन मुख्य चुनाव आयुक्त के मुंह से इस बात के निकलने का अलग महत्व है। वैसे यह उनकी विवशता को भी दिखाता है कि सब कुछ जानते हुए की वे कुछ नहीं कर सकते।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त एस वाई कुरैशी ने शुक्रवार को राजधानी दिल्ली में एक व्याख्यान के दौरान कहा, ‘‘भारत में चुनाव आज भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा स्रोत हो गया है। देश में बिकी हुई खबरों (पेड न्यूज) की घटनाएं बढ़ रही हैं। पेड न्यूज के 86 मामले हमारे नोटिस में आए हैं।’’
भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में सक्षम होने का विश्वास जताते हुए सीईसी ने कहा, ‘‘मीडिया घरानों और राजनीतिक दलों के बीच की दुरभिसंधि परेशान करने वाली हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पहले यह सांकेतिक विज्ञापन होता था लेकिन अब राजनीतिक दल और मीडिया घराने ज्यादा बेधड़क हो गए हैं और चुनावी घोषणा पत्र को संपादकीय के रूप में छाप रहे हैं। यह सिर्फ अनैतिक ही नहीं है बल्कि तकलीफदेह भी है और हम इस पर नजदीकी से निगाह रखे हुए हैं।’’
कुरैशी ने चुनावों पर सरकारी खर्चे पर भी चिंता जताई और कहा कि प्रक्रिया से ‘भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा।’ बता दें कि इधर चुनावों की सरकारी फंडिंग को लेकर बहुत सारे सुझाव आए हैं और माना जा रहा है कि ऐसी व्यवस्था से राजनीतिक भ्रष्टाचार को रोका जा सकता। और, राजनीति ही भ्रष्टाचार की जड़ है तो इससे धीरे-धीरे भ्रष्टाचार का समूल नाश भी किया जा सकता है।