इन दुनिया की खूबसूरती यह है कि यहां किसी की भी तानाशाही शाश्वत नहीं होती। यहां अंततः सामंजस्य और संतुलन ही चलता है। हर अति के अंदर से ही वे तत्व पनपते हैं जो उसका अंत कर देते हैं।और भीऔर भी

टीम अण्णा ने वह बात कह डाली जो अभी तक विपक्ष भी इतना खुलकर कहने में हिचकता रहा है। फिर. विपक्ष की विश्वनीयता इतनी कम है कि उसके कहे को राजनीतिक बयानबाजी मानकर कोई तवज्जो नहीं देता। लेकिन टीम अण्णा की बात को देश काफी गंभीरता से ले रहा है और कांग्रेस के तमाम नेताओं से लेकर लालू यादव जैसे विदूषक नेताओं के हमलों के बावजूद आम आदमी को अण्णा हज़ारे और उनके साथ चल रहे सामाजिक-राजनीतिकऔरऔर भी

लड़ाई आधी जीत ली गई है क्योंकि तेजड़िए निफ्टी को 4787.25 तक ले जाकर 4779 अंक पर बंद करने में कामयाब रहे। यह शुक्रवार के उस 4777 अंक से थोड़ा ऊपर है जहां से बाजार ने रुख पलटा था। प्रतिरोध का अगला स्तर 4850 का है। अगर तेजड़िए बाजार को 4850 से ऊपर ले जाने में कामयाब रहे तो तय मानिए कि निफ्टी 5000 के आसपास या 5080 तक भी जा सकता है। लेकिन तेजी का यहऔरऔर भी

इंसान को अपने ही अंदाज में निखरने की ख्वाहिश रखनी चाहिए। दूसरा तो दूसरा ही है। हो सकता है ऊपर से कामयाब दिखता हो और अंदर से खोखला हो। उससे सबक सीखें, लेकिन कभी नकल न करें।और भीऔर भी

किसी भी विदेशी ब्रोकिंग हाउस का नाम ले लो, उसे भारत को डाउनग्रेड करने में कोई हिचक नहीं होती। वे खटाखट आर्थिक विकास की संभावनाओं से लेकर बाजार तक को नीचे से नीचे गिराते जा रहे हैं। ताजा उदाहरण सीएलएएसए का है। इन ब्रोकिंग हाउसों ने भारत में निवेश को, यहां की आस्तियों को रिस्की ठहरा दिया है। वजह गिनाई है मुद्रा प्रबंधन की अक्षमता, नीतिगत फैसलों में ठहराव, राजकोषीय घाटे को संभालने में नाकामी और मुद्रास्फीतिऔरऔर भी

भगवान और धर्म की शुरुआत समाज में सुख-शांति के साधन के रूप में हुई थी। सदियों तक सब कुछ राजी-खुशी चलता रहा। समस्या तब से शुरू हुई जब इन्हें साधन के बजाय साध्य बना दिया गया।और भीऔर भी

हर कोई दो का चार करने में जुटा है, बिना यह जाने कि असल में दो का चार होता कैसे है। यह धरती क्या, पूरा ब्रह्माण्ड कमोबेश नियत है, स्थाई है। यहां कुछ जोड़ा-घटाया नहीं जा सकता। कोई चीज एक महाशंख टन है तो आदि से अंत तक उतनी ही रहेगी। बस, उसका रूप बदलता है। द्रव्य दूसरे द्रव्य में ही नहीं, ऊर्जा तक में बदल जाता है। लेकिन ऊर्जा और द्रव्य का योगफल एक ही रहताऔरऔर भी

प्यार नहीं कर सकते तो प्यार का मोल तो समझो। उसकी कद्र तो करना सीखो। दे नहीं सकते तो देनेवाले का सम्मान तो करो। नहीं तो किसी दिन अपनों को तरस जाओगे और कोई पुछत्तर तक नहीं होगा।और भीऔर भी

अप्रैल 2007 से शुरू हुई 11वीं पंचवर्षीय योजना मार्च 2012 में खत्म हो जाएगी। इस तरह उसके खत्म होने में केवल तीन महीने ही बचे हैं। लेकिन केंद्र सरकार ने इस योजना अवधि के लिए एकीकृत वस्त्र पार्क स्कीम (एसआईटीपी) के तहत जिन 40 पार्कों को मंजूरी दी थी, उनमें से अभी तक केवल सात पार्क ही पूरे हो सके हैं। वाणिज्य के साथ उद्योग व कपड़ा मंत्रालय भी संभालने वाले केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने शुक्रवारऔरऔर भी