वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाह को आगाह किया है कि अगर मौजूदा आर्थिक संकट गहराता है तो मुद्रा युद्ध का खतरा पैदा हो सकता है। मुखर्जी ने गुरुवार को वॉशिंगटन में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के मुख्यालय में ब्रिक्स देशों के वित्त मंत्रियों के संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस तरह के मुद्रा युद्ध को आपसी बातचीत से ही टाला जा सकता है न कि प्रतिस्पर्धी अवमूल्यन से।
एक सवाल के जवाब में मुखर्जी ने कहा कि हा, अगर संकट और गहराता है और वित्तीय प्रवाह में बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है तो मुद्रा युद्ध के होने का जोखिम भी बढे़गा। लेकिन हमारे विचार में अगर इस तरह का तनाव सामने आता है तो इसे आपसी बातचीत से सुलझाया जाना चाहिए न कि अवमूल्यन की होड़ से।
साथ ही उन्होंने कहा कि ब्रिक्स देशों में इस्तेमाल की जा रही मुद्राओं को आईएमएफ द्वारा चलाई जा रही मुद्रा एसडीआर (स्पेशल ड्राइंग राइट्स) के घटकों को तय करते समय ध्यान में रखा जाना चाहिए। ब्रिक्स देशों में भारत के अलावा ब्राजील, चीन, रूस व दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं।