देश की प्रमुख क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने सोमवार को एक अध्ययन रिपोर्ट में कहा कि सरकार द्वारा पेट्रोल कीमतों को नियंत्रण मुक्त करने और रसोई गैस व डीजल के दाम बढाने के फैसले से सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियां का घाटा या अंडर रिकवरी मौजूदा वित्त वर्ष में 25,000 करोड़ रुपए कम हो जाएगा।
क्रिसिल का कहना है कि इस तरह के कदमों का तेल विपणन कंपनियों के वित्तीय जोखिम प्रोफाइल पर सकारात्मक असर होगा। इससे रसोई ईंधन के उचित मूल्य निर्धारण का मार्ग खुलेगा।
रेटिंग एजेंसी के मुताबिक चूंकि अब भी तेल कंपनियों की अंडर रिकवरी बहुत अधिक है, इसलिए सब्सिडी में समय पर हिस्सेदारी के लिए संस्थागत प्रणाली की जरूरत है। क्रिसिल ने कहा है कि कीमतों में बदलाव से सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों को लागत से कम कीमत पर ईंधन उत्पाद बेचने से होनेवाला नुकसान 2010-11 में लगभग 25,000 करोड़ रुपए घट जाएगा।