पिछले साल के बजट में वित्त मंत्री ने भले ही वरिष्ठ नागरिक माने जाने की उम्र घटाकर 65 से 60 साल कर दी हो, लेकिन देश में बुजुर्गों की सुरक्षा व देखभाल की स्थिति बिगड़ती जा रही है। केंद्र सरकार ने बारह साल पहले 1999 में ‘बूढ़े व्यक्तियों पर राष्ट्रीय नीति’ (एनपीओपी) बनाकर बुजुर्गों की समस्याओं को हल करने की पहल की थी। लेकिन इस नीति और इस पर अमल का अभी तक कोई अतापता नहीं है।औरऔर भी

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक फैसले में कहा कि भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत शिकायत दर्ज कराना देश के हर नागरिक का संवैधानिक अधिकार है और सरकार को ज्यादा से ज्यादा चार महीने के भीतर किसी लोकसेवक (मंत्री या अफसर) के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति देनी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने 2जी स्पेक्ट्रम मामले में मुकदमा चलाने की मंजूरी को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को दरकिनार करते हुए कहा कि कोर्ट ने कहा किऔरऔर भी

नए साल के पहले दिन, 1 जनवरी 2012 को देश में 1.11 करोड़ ऐसे मतदाता बनाए गए हैं जिनकी उम्र 18 से 19 वर्ष है। निर्वाचन आयोग का कहना है कि यह पूरी दुनिया में किसी जगह एक दिन में युवाओं के सबसे बड़े सशक्‍तीकरण को लक्षि‍त करता है। इस साल यह संख्‍या दोगने से भी अधि‍क है। पि‍छले साल 52 लाख युवा मतदाता बनाए गए थे, जि‍न्‍होंने 18 वर्ष की आयु पा ली थी। यह मतदाताऔरऔर भी

इधर सरकार मीडिया को लेकर कुछ ज्यादा ही सक्रिय हो गई है। एक तरफ संचार मंत्री कपिल सिब्बल गूगल से लेकर फेसबुक जैसे इंटरनेट माध्यम को लेकर भिड़े पड़े हैं, दूसरी तरफ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रिंट माध्यम में पेड न्यूज़ के बढ़ते सिलसिले पर चिंता जताई है। एक अन्य विकासक्रम में सरकार ने एनडीटीवी इंडिया से लंबे समय से जुड़े पत्रकार पंकज पचौरी को प्रधानमंत्री कार्यालय में सूचना सलाहकार नियुक्‍त कर दिया है। उनकी नियुक्ति तत्‍कालऔरऔर भी

प्रमुख विपक्षी दल बीजेपी ने मल्टी ब्रांड रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) पर कांग्रेस को कठघरे में खड़ा कर दिया है। मंगलवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि एनडीए शासन के दौरान विपक्ष में रहते यही पार्टी खुदरा व्यापार में एफडीआई को राष्ट्र-विरोधी बताकर उसका विरोध करती थी। उन्होंने कहा, ‘‘लोकसभा में कांग्रेस के तत्कालीन मुख्य सचेतक प्रियरंजन दास मुंशी ने 2002 में संसद के शीतकालीन सत्र मेंऔरऔर भी

केंद्र सरकार का कहना है कि गूगल, फेसबुक, ऑरकुट, ब्लॉग स्पॉट, यू ट्यूब, याहू व माइक्रोसॉफ्ट समेत 21 सोशल नेटवर्किंग साइटें व सर्च इंजन देश में सांप्रदायिक सद्भाव और राष्ट्रीय एकता को चोट पहुंचा रहे हैं। इसलिए इनके खिलाफ मुकदमा चलाने की इजाजत दी जाती है। सरकार की तरफ से यह फरमान कपिल सिब्बल के नेतृत्व वाले सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने जारी किया है। दिल्ली के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सुदेश कुमार से समक्ष रखी गई दो पेज कीऔरऔर भी

सरकार ने खुद को लकवा का शिकार कहने को सरासर गलत बताया है। उसके बचाव का मोर्चा संभाला है गृह मंत्री पी चिदम्‍बरम और संसदीय कार्य व जल संसाधन मंत्री पवन कुमार बंसल ने। उन्हीं के शब्दों में, “यह कहना कि सरकार को लकवे ने जकड़ रखा है, पूरी तरह से ग़लत, अस्‍वीकार्य और बेतुका तर्क है।” इन मंत्रीगणों से गुरुवार को राजधानी दिल्ली में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में उन विधेयकों के बारे में विस्तार सेऔरऔर भी

कॉरपोरेट क्षेत्र में बहस छिड़ी है कि प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह देश के लिए वरदान हैं या अभिशाप। देश की सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी, एचडीएफसी के प्रमुख दीपक पारेख जैसे दिग्गज कहते हैं कि डॉ. सिंह के रूप में हमें अब तक के सबसे अच्छे प्रधानमंत्री मिले हैं। वे एकदम बेदाग राजनेता हैं। इसलिए देश के वरदान हैं। वहीं दूसरा पक्ष कहता है कि डॉ. सिंह भले ही स्वच्छतम छवि के नेता हों, लेकिन उन्होंने जिसऔरऔर भी

टीम अण्णा अपनी राजनीतिक प्रासंगिकता व धार को बचाए रखने की मशक्कत में जुट गई है। मुंबई में अण्णा हज़ारे के अनशन को बीच में तोड़ने और जेल भरो आंदोलन को रद्द करने के फैसले के बाद पहली बार सोमवार को टीम अण्णा की बैठक हुई। अपने गांव रालेगण सिद्धि में स्वास्थ्य लाभ कर रहे अण्णा बैठक में शमिल नहीं हो सके। लेकिन अरविंद केजरीवाल, प्रशांत भूषण और किरण बेदी समेत टीम के अन्य सदस्यों ने गाजियाबादऔरऔर भी

टीम अण्णा ने वह बात कह डाली जो अभी तक विपक्ष भी इतना खुलकर कहने में हिचकता रहा है। फिर. विपक्ष की विश्वनीयता इतनी कम है कि उसके कहे को राजनीतिक बयानबाजी मानकर कोई तवज्जो नहीं देता। लेकिन टीम अण्णा की बात को देश काफी गंभीरता से ले रहा है और कांग्रेस के तमाम नेताओं से लेकर लालू यादव जैसे विदूषक नेताओं के हमलों के बावजूद आम आदमी को अण्णा हज़ारे और उनके साथ चल रहे सामाजिक-राजनीतिकऔरऔर भी