जनगणना के ताज़ा आंकड़े बताते हैं कि देश में 1991 के बाद से किसानों की संख्या करीब 1.50 करोड़ घट गई है, जबकि 2001 के बाद यह कमी 77 लाख से थोड़ी ज्यादा है। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो पिछले बीस सालों में हर दिन औसतन 2035 काश्तकार या किसान अपनी स्थिति से बेदखल होते जा रहे हैं। जानेमाने कृषि विशेषज्ञ और अंग्रेज़ी अखबार ‘द हिंदू’ में ग्रामीण मामलों के संपादक पी साईनाथ ने अपने एकऔरऔर भी

नए साल के बजट में तमाम टैक्सों में घटबढ़ हो सकती है। टैक्स का आधार बढ़ाने की कोशिश भी हो सकती है। लेकिन एक बात तय है कि वित्त मंत्री पलनियप्पन चिदंबरम किसानों या कृषि आय पर कोई टैक्स नहीं लगाएंगे। वैसे, बीजेपी की तरफ से अगर यशवंत सिन्हा वित्त मंत्री बने होते तो वे भी यह जोखिम नहीं उठाते। फिर भी टैक्स आधार बढ़ाने की बड़ी-बड़ी बातों से कोई भी वित्त मंत्री बाज़ नहीं आता। दिक्कतऔरऔर भी

दुनिया में कृषियोग्य जमीन के मामले में भारत अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर है। अमेरिका के पास 1627.51 लाख हेक्टेयर खेतिहर जमीन है। चीन का कुल क्षेत्रफल हमारे तीन गुने से ज्यादा है। लेकिन हमारे पास खेती लायक जमीन 1579.23 लाख हेक्टेयर है, जबकि चीन के पास 1099.99 लाख हेक्टेयर। फिर भी चीन का अनाज उत्पादन हमसे कई गुना ज्यादा है। कारण, चीन की तुलना में हमारे यहां गेहूं की उत्पादकता 55%, धान की 51%, तिलहनऔरऔर भी

आम भारतीय, खासकर किसान सोने को कभी अपने से जुदा नहीं करता। वह उसे लक्ष्मी का रूप मानता है। लेकिन अब फसल खराब होने और आय का दूसरा साधन न होने के कारण किसान कर्जौं को उतारने और खाद व बीज का दाम चुकाने के लिए सोना बेच रहे हैं। इस साल देश के कई भागों पर पड़े सूखे या कम बारिश से उनका ये हाल हुआ है। बॉम्बे बुलियन एसोसिएशन का अनुमान है कि किसानों केऔरऔर भी

हर साल के बजट में सरकार कृषि ऋण का लक्ष्य बढ़ाती जा रही है और पिछले कई सालों से वास्तव में बांटा गया कृषि ऋण घोषित लक्ष्य से ज्यादा रहा है। इस साल के बजट में भी वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने चालू वित्त वर्ष 2012-13 के लिए कृषि ऋण का लक्ष्य बढ़ाकर 5.75 लाख करोड़ रुपए कर दिया है। बीते वित्त वर्ष 2011-12 में यह लक्ष्य 4.75 लाख करोड़ रुपए का था जिसमें से दिसंबर 2011औरऔर भी

कृषि और वाणिज्य मंत्रालय में करीब दो महीने तक चली खींचतान के बाद आखिरकार सरकार ने अब कपास का निर्यात खोल दिया है। कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष धीरेन शेठ के मुताबिक इससे कपास के दाम 10 से 15 फीसदी बढ़ सकते हैं। लेकिन जानकारों का कहना है कि इसका खास फायदा किसानों को नहीं मिलेगा क्योंकि ज्यादातर किसान अपना 70-80 फीसदी कपास पहले ही बेच चुके हैं। इसका फायदा मूलतः कपास के स्टॉकिस्टों या उनऔरऔर भी

कृषि मंत्री शरद पवार ने सोमवार को 2011-12 के लिए फसल उत्‍पादन का तीसरा अग्रिम अनुमान जारी किया। इसके मुताबिक 2011-12 में 25.256 करोड़ टन खाद्यान्‍न उत्‍पादन का अनुमान है जबकि पिछले वर्ष यह 24.478 करोड़ टन रहा था। चावल का कुल अनुमानित उत्पादन 10.341 करोड़ टन है जो अपने-आप में एक रिकॉर्ड है। गेहूं का अनुमानित उत्पादन 9.023 करोड़ टन है। यह भी एक रिकॉर्ड है। चावल और गेहूं के उत्‍पादन में उल्‍लेखनीय वृद्धि से खाद्यान्‍नऔरऔर भी

कपास से लेकर चीन तक के निर्यात पर मचे हॉचपॉच को सुलझाने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने खास-खास मंत्रियों की बैठक अगले सोमवार 30 अप्रैल को बुलाई है। इसमें कृषि मंत्री शरद पवार खाद्य मंत्री, खाद्य मंत्री के वी थॉमस, वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा और वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी शामिल होंगे। यह जानकारी कृषि मंत्री शरद पवार ने आज, सोमवार को राजधानी दिल्ली में मीडिया को दी। उन्होंने कहा कि हमें कृषि उत्पादों के निर्यातऔरऔर भी

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों को बड़ी राहत दे दी। कोर्ट ने निजी चीनी मिल मालिकों को तीन महीने के भीतर गन्ना किसानों का सारा बकाया चुकाने का निर्देश दिया है। सर्वोच्च न्यायालय ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए निजी मिल मालिकों को पेराई सत्र 2008-09 और 2010-11 के किसानों के सारे बकाये का भुगतान तीन महीने के भीतर कर देने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने मिल मालिकों से किसानोंऔरऔर भी

हिंदुस्तान यूनिलीवर ने पंजाब और कर्नाटक के लगभग 3500 किसानों से एक करार किया है जिसके तहत वे इस बहुराष्ट्रीय कंपनी के लिए टमाटर उगाएंगे। कंपनी इन टमाटरों का इस्तेमाल अपने उत्पाद ‘किस्सान’ केचप में बतौर कच्चा माल करेगी। कंपनी चार साल पहले तक केचप के लिए सारा टमाटर पेस्ट बाहर से आयात करती थी। अब यह आयात घटकर 20 फीसदी से भी कम हो गया है। हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) में सुप्लाई श्रृंखला के प्रभारी और कार्यकारीऔरऔर भी