चीन में टेक्नोल़ॉज़ी कंपनियों के शेयर पिटते रहे। हमें लगा कि भारत में कुछ नहीं होगा। लेकिन पहले ज़ोमैटो, पेटीएम व नाइका जैसी कंपनियों के आईपीओ में और उसके बाद भी निवेशकों को तगड़ी मार लगी। अब भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के सबसे बड़े आईपीओ ने लिस्टिंग पर लाखों निवेशकों व कंपनी कर्मचारियों का नुकसान कराया है। इसने एक तो पुष्ट कर दिया कि आज के दौर में आम निवेशकों को किसी कंपनी का शेयर आईपीओ के बजाय लिस्टिंग के बाद शेयर बाज़ार से ही खरीदना चाहिए। दूसरे यह भी कि बाज़ार में मंदी का आलम गहराने लगा है। आपको याद होगा कि साल 2008 में रिलायंस पावर का विशाल आईपीओ बाज़ार में क्रैश का सबब बन गया था। शायद इस बार ऐसा न हो। अब गुरुवार की दशा-दिशा…
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