हमारे शेयर बाज़ार में जब से ऑप्शंस सौदों का साप्ताहिक सेटलमेंट होने लगा है, तब से ट्रेडरों के लिए बुधवार व गुरुवार के भाव और उनका पैटर्न बहुत अहम हो गया है। इसके घेरे में डेरिवेटिव सेगमेंट में शामिल स्टॉक्स आते हैं। एनएसई ने 160 स्टॉक्स और तीन सूचकांकों में डेरिवेटिव ट्रेडिंग की इजाज़त दे रखी है। असल में प्रोफेशनल ट्रेडरों की तरह रिटेल ट्रेडरों को भी अपना कारोबार इन्हीं स्टॉक्स तक सीमित रखना चाहिए क्योंकि इनमें खरीद-फरोख्त की भरपूर सहूलियत या लिक्विडिटी होती है। इनकी इम्पैक्ट लागत कम होती है क्योंकि बिड (खरीदने) और आस्क (बेचने के) भावों में ज्यादा अंतर नहीं होता। अब गुरुवार की दशा-दिशा…
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'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
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