बिका तो सस्ता सौदा है कर्नाटक बैंक

जिस तरह आईसीआईसीआई बैंक ने राजस्थान बैंक को खरीद लिया है, उसी तरह कर्नाटक बैंक भी किसी दिन बिक सकता है। बस दिक्कत यह है कि इसके सौदे को अंजाम देने के लिए किसी भी मर्चेंट बैंकर को बड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी क्योंकि इसका कोई प्रवर्तक ही नहीं है। इसकी सारी की सारी 133.99 करोड़ रुपए की इक्विटी 82,043 शेयरधारकों में विभाजित है। बड़े शेयरधारकों में 16 देशी-विदेशी संस्थाएं ऐसी हैं जिनके पास कर्नाटक बैंक की 31.37 फीसदी इक्विटी है। इनमें एक्सिस बैंक, एलआईसी, बजाज एलियांज लाइफ, रिलायंस कैपिटल ट्रस्टी कंपनी, रेलिगेयर सिक्यूरिटीज और कई एफआईआई शामिल हैं। इन तमाम संस्थाओं में से सभी के पास बैंक की एक फीसदी से ज्यादा इक्विटी है। अगर इससे कम इक्विटी हिस्सेदारी को भी शामिल कर लें तो कुल 60 एफआईआई हैं जिनके पास बैंक की 26.49 फीसदी इक्विटी है।

कर्नाटक बैंक का अधिग्रहण इसलिए हो सकता है कि किसी भी राष्ट्रीय स्तर के बैंक को आसानी व कम लागात में दक्षिणी राज्यों में बना-बनाया नेटवर्क मिल जाएगा। कर्नाटक बैंक के पास इस समय कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और उड़ीसा में कुल 464 शाखाएं और 217 एटीएम हैं। मार्च 2011 तक उसने अपनी शाखाओं को बढ़ाकर 480 और एटीएम को बढ़ाकर 300 करने का लक्ष्य बना रखा है। दिलचस्प तथ्य यह है कि जहां आईसीआईसीआई बैंक द्वारा अधिग्रहीत किए गए बैंक ऑफ राजस्थान की प्रति शाखा का मूल्यांकन 6.57 करोड़ रुपए है, वहीं कर्नाटक बैंक की प्रति शाखा का मूल्याकंन महज 3 करोड़ से 3.5 करोड़ रुपए ही है। बता दें कि जब एचडीएफसी बैंक ने सेंचुरियन बैंक ऑफ पंजाब का अधिग्रहण किया था तब उसने हर शाखा के लिए करीब 23 करोड़ रुपए अदा किए थे। इसलिए किसी भी बड़े बैंक के लिए इसे खरीदना काफी सस्ता पड़ेगा। लेकिन असली दिक्कत यही होगी कि वह इसे खरीदने के लिए किन-किन शेयरधारकों को कैसे चिह्नित करेगा।

कर्नाटक बैंक का कामकाज एकदम चौकस चल रहा है। वित्त वर्ष 2009-10 में उसका कुल बिजनेस (जमा और अग्रिम का जोड़) 18.74 फीसदी बढ़कर 38,166 करोड़ रुपए हो गया है। कंपनी की जमा में 16.71 फीसदी और अग्रिम में 22.23 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई है। इस दौरान बैंक के बचत व चालू खाते (कासा) में जमाराशियां 36 फीसदी बढ़ी हैं। बेसल-2 मानकों को अपनाने के बाद बैंक का मौजूदा पूंजी पर्याप्तता अनुपात 12.37 फीसदी है, जबकि इसका न्यूनतम मानक 9 फीसदी ही है। कर्नाटक बैंक ने 2009-10 में अपने शेयरधारकों को 4 रुपए प्रति शेयर का लाभांश भी दिया। वैसे 2006 से ही वह लगातार अच्छा-खासा लाभांश देता रहा है। बैंक का मुख्यालय मैंगलोर में है। इसकी स्थापना 1924 में हुई थी। इसके चेयरमैन अनंतकृष्णा है जो पहले इंडियन बैंक्स एसोसिएशन के सचिव रह चुके हैं।

शुक्रवार को बीएसई में कर्नाटक बैंक के शेयर का बंद भाव 150.75 रुपए रहा है। जानकारों का मानना है कि तीन महीनों में इसका शेयर 185 रुपए तक जा सकता है। दूरगामी निवेश यानी दो-तीन सालों के लिए भी यह काफी माफिक शेयर है। कल को खुदा-न-खास्ता कोई बड़ा बैंक इसका अधिग्रहण करता है तो इसका शेयर काफी फायदा देकर जाएगा। कहा जा रहा है कि यह अभी से एक्सिस बैंक के रडार पर आ चुका है।

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