दुनिया जो बढ़ी तो हम भी क्यों नहीं!

एक तरफ ब्याज दरों में वृद्धि, दूसरी तरफ सेटलमेंट का दिन। सो, हो गई निवेशकों के लिए सांप-छछूंदर की गति। न इधर, न उधर। न उगलते बनता है, न निगलते। ब्याज दरों में वृद्धि और कंपनियों के लाभार्जन में सुस्ती के चलते बाजार ओवरसोल्ड अवस्था में है। लेकिन ऑपरेटर बाजार के ज्यादातर ट्रेडरों के शॉर्ट होने जाने के विपरीत लॉन्ग हुए पड़े हैं। इसलिए दिशा तो बढ़ने की ही है।

रविवार को इसी कॉलम में हमने आपको बताया था कि भारतीय बाजार क्यों नहीं उठ रहा है, जबकि दुनिया की खराब हालत से सबसे बुरी तरफ प्रभावित होने के बावजूद अमेरिकी बाजार बढ़ता जा रहा है। मैं अमेरिका के बारे में क्यों लिख रहा हूं? ऐसा इसलिए क्योंकि वहां एस एंड पी सूचकांक 1250 के ऊपर बंद हुआ है जो टेक्निकल एनालिस्टों के हिसाब से ब्रेक-आउट का स्तर है। यह दुनिया के सारे बाजारों में रैली का संकेत देता है। इसके आधार पर आप भारत के बारे में खुद अपनी राय बना सकते हैं।

सितंबर व अक्टूबर बीत चुका है और मंदड़िए अब नवंबर पर दांव लगा रहे हैं। लेकिन गिरने की एक ही सूरत हो सकती है और वो तब, जब स्टैंडर्ड एंड पुअर्स नियोजित तरीके से भारत को डाउनग्रेड कर दे। अगर ऐसा होता है तो इसके बाद आनेवाली गिरावट हमारे बाजार की आखिरी गिरावट होगी।

जब अमेरिका को डाउनग्रेड किया गया था, तब मैंने कहा था कि इससे अमेरिकी बाजार घटने के बाद अंततः बढ़ जाएगा। उसके बाद से अमेरिकी बाजार को दर्शानेवाला डाउ जोन्स सूचकांक 1500 अंक सुधरकर 12,000 के करीब पहुंच चुका है, जबकि उसका अब तक का औसत उच्चतम स्तर 12,500 का है। भारत का डाउनग्रेड हुआ तो हमारा बाजार अंतिम तहलटी पकड़ लेगा। लेकिन इसके बाद निफ्टी के 7000 तक जाने की राह फिर से खुल जाएगी।

आज की बात करें तो दोपहर बारह बजे के बाद बाजार उठा तो उठता ही चला गया। बीच में 5211 तक चला गया। अंत में 1.83 फीसदी की बढ़त लेकर 5191.60 पर बंद हुआ। जाहिर ब्याज दरें बढ़ाने के असर को बाजार काफी पहले जज्ब कर चुका है। बल्कि सच कहें तो अब ऐसी कोई नकारात्मक बात बची नहीं है, बाजार जिसका गरल न पी चुका है। सेंसेक्स भी आज 1.86 फीसदी बढ़कर 17,254.86 पर पहुंच गया। कल मुहूर्त ट्रेडिंग में बाजार का बढ़ना लाजिमी है।

वैसे, इस समय सेंसेक्स व दूसरे तमाम स्टॉक्स पर दांव लगाने के बजाय मैं खुद को पिपावाव डिफेंस और एस्कोर्ट्स तक सीमित रखूंगा और अपनी बारी आने व इनके खिलने का इंतजार करूंगा। मेरा सुझाव है कि वीआईपी इंडस्ट्रीज और डिश टीवी को हर बढ़त पर बेचते रहें क्योंकि ये किसी भी पोर्टफोलियो में रखे जाने के काबिल नहीं हैं और इनका डाउनग्रेड देर-सबेर होना ही है। हालांकि अपनी रणनीति के सबसे बड़े निर्धारक तो आप ही हो।

खुशी का अंतिम सोपान वह है जब खुशी पाने की लालसा ही खत्म हो जाए। अपने यहां पुरानी कहावत है – गोधन, गजधन, बाजिधन और रतनधन खान। जब आवै संतोष धन, सब धन धूरि समान।।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं पड़ना चाहता। इसलिए अनाम है। वह अंदर की बातें आपके सामने रखता है। लेकिन उसमें बड़बोलापन हो सकता है। आपके निवेश फैसलों के लिए अर्थकाम किसी भी हाल में जिम्मेदार नहीं होगा। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का कॉलम है, जिसे हम यहां आपकी शिक्षा के लिए पेश कर रहे हैं)

4 Comments

  1. hellosir, aap ko hamari or hamare pariwar ki tarafe bahut bahut HAPPY DIPAWALI KI MUBARAAK kabul kare, aap ka coloum bahut acha lagta he, or aap jo bhi yaha dete he wo bahut acha lagta he or aap issi tarah dete rahe taki yaha kissi ka paisa dube nahi. mgr hamare khuch dost bahot deri se samajte he, jab khel khatam hojata he tab kharit te he, or mar khate he.paraswanath ke baad abhi tak yaha koi bhi nahi jump kiya he.mgr aap jo bhi dete he acha dete he, BEST OF LUCK, HAPPY NEW YEAR

  2. happy diwali

  3. Happy Diwali

  4. aap ko hamari or hamare pariwar ki tarafe bahut bahut HAPPY DIPAWALI

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