दस साल पहले तक गौतम अडाणी देश के एक सामान्य उद्योगपति थे। साल 2014 में उनकी नेटवर्थ 44,000 करोड़ रुपए हुआ करती थी। लेकिन साल 2024 तक उनकी नेटवर्थ 11.6 लाख करोड़ रुपए की हो गई। जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद उनकी दौलत 57% घटकर 4.74 करोड़ रुपए पर आ गई थी। लेकिन अगले साल उनकी दौलत में 95% छलांग लग गई। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक ताजा रिपोर्ट में हिसाब लगाया गया है कि 2020-21 में कोराना की महामारी के बाद से समूह की अग्रणी कंपनी अडाणी एंटरप्राइसेज़ का मूल्य लगभग दस गुना हो चुका है। इस समय अडाणी समूह रीयल एस्टेट से लेकर बंदरगाह, हवाई अड्डों, तमाम फैक्ट्रियों और बिजली संयंत्रों का मालिक है। वो तिकडमबाज़ी से जाने-माने न्यूज़ चैनल एनडीटीवी तक का मालिक बन बैठा। यह सब इसलिए हुआ क्योंकि उस पर शुरू से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कृपा बनी हुई है। उन्होंने अडाणी का साम्राज्य बढ़ाने के लिए सीबीआई जैसी सरकारी संस्थाओं तक का इस्तेमाल किया। नहीं तो मुंबई एयरपोर्ट जीवीके के हाथों से निकलकर अडाणी के पास नहीं जाता। अब मंगलवार की दृष्टि…
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