भारत के परंपरागत ज्ञान का संरक्षण होगा

संयुक्त राष्ट्र एजेंसी विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ) भारत के साथ मिलकर आयुर्वेदिक औषधि और यूनानी जैसे परंपरागत ज्ञान पर तीन दिवसीय बैठक का अगले महीने आयोजन करेगा। यह बैठक 22 से 24 मार्च तक चलेगी और इसके आयोजन में सीएसआईआर भी शामिल है।

जिनेवा स्थित वर्ल्ड इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी ऑर्गेनाइजेशन दुनिया भर में बौद्धिक संपदा अधिकारों को बढ़ावा और संरक्षण देने का काम करता है। दिल्ली में होनेवाली इस बैठक से बौद्धिक संपदा अधिकारों और पेटेंट के बारे में जागरूकता पैदा करने में मदद मिलेगी। डब्ल्यूआईपीओ के महानिदेशक फ्रांसिस गुरी ने समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट से कहा, ‘‘हम भारत में मार्च महीने में परंपरागत ज्ञान पर बड़ी बैठक आयोजित करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि परंपरागत ज्ञान विशेषकर आयुर्वेदिक औषधि, यूनानी और अन्य दवाओं के संरक्षण के मामले में भारत अगुवा देश रहा है।

गुरी ने इस बात पर जोर दिया कि विज्ञान व संस्कृति के मामले में भारत एक महान परंपरा वाला देश है। इसके कारण हम भारत को अपनी मुहिम में शामिल करने को लेकर बेहद गंभीर हैं। उनके मुताबिक मार्च में होनेवाली बैठक में परंपरागत ज्ञान डिजिटल पुस्तकालय (टीकेडीएल) के उपयोग पर ध्यान दिया जाएगा ताकि पुरानी परंपरा का संरक्षण किया जा सके। टीकेडीएल वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, आयुष विभाग और स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय की परियोजना है।

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