शेयर बाज़ार का निवेश उनके लिए नहीं जो तुरत-फुरत कुछ पाना चाहते हैं। निवेश के लिए लम्बे समय की सोच की दरकार है। उसी से मन की शांति और धन की समृद्धि मिलती है। जो शेयर बाज़ार से फटाफट कुछ पाना चाहते हैं, उनके लिए एकाध दिन से लेकर एक-दो महीने की ट्रेडिंग का रास्ता है। लेकिन उन्हें ट्रेडिंग की बेचैनी व तनाव के ऊपर धन डूबने का रिस्क भी उठाने को तैयार रहना चाहिए। ट्रेडिंग से कमाने के दांव-पैंतरे अलग हैं जिन्हें खुद बड़ी सावधानी से सीखना पड़ता है। हर किसी को ट्रेडिंग का अपना सिस्टम विकसित करना पड़ता है। हम दूसरों से सीख सकते हैं, लेकिन किसी दूसरे की नकल नहीं चलती। वहीं, निवेश लम्बे धैर्य की मांग करता है। कम से कम दो-तीन साल। लेकिन इसमें भी सतर्कता ज़रूरी है। समय के साथ सब कुछ निरंतर बदल रहा है। इधर तो बदलाव की गति कुछ ज्यादा ही तेज़ हो गई है। कल की टेक्नोलॉज़ी आज पुरानी तो सोच को अपडेट व अपग्रेड करते रहना पड़ता है। निवेशकों को पोर्टफोलियो बदलते रहना पड़ता है। कंपनियों को भी समय की बदलती ज़रूरतों के हिसाब से ढलना पड़ता है। आज तथास्तु में समय के साथ बराबर खुद को अपग्रेड कर रही ऐसी ही एक कंपनी…
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'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
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