हर रुपए पर 8000 करोड़ का फटका!

डॉलर के सापेक्ष रुपए के कमजोर होने का सीधा असर पेट्रोलियम पदार्थों की लागत पर पड़ता है। सितंबर के शुरू में एक डॉलर 46 रुपए का था। अभी 49 रुपए के आसपास है। डॉलर की विनिमय दर में हर एक रूपए की वृद्धि से देश में डीजल, केरोसिन व रसोई गैस की सालाना लागत 8000 करोड़ रुपए बढ़ जाती है। यानी, दो रुपए बढ़ने से 16,000 करोड़ और तीन रुपए बढ़ने से 24,000 करोड़। पेट्रोलियम मंत्री जयपाल रेड्डी के मुताबिक इस साल सरकारी तेल मार्केटिंग कंपनियों को डीजल, केरोसिन व रसोई गैस को कम दाम पर बेचने से 1.21 लाख करोड़ रुपए सरकार से लेने पड़ेंगे।

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