ऋण-संकट उनका और फंसान हमारी

अमेरिका के ऋण-संकट ने पूरी दुनिया के बाजारों की हालत पटरा कर दी है तो भारतीय बाजार कैसे सलामत बच सकता था। निफ्टी एक फीसदी से ज्यादा गिरकर 5500 के नीचे पहुंच गया। फिर भी मुझे लगता है कि अपने यहां असली तकलीफ रोल्स की है। चूंकि यह फिजिकल सेटलमेंट है नहीं, तो ट्रेडरों के पास कैश का अंतर भरने के अलावा कोई चारा नहीं है। यह हमारे बाजार में आई तीखी गिरावट का मूल कारण है क्योंकि सारा अंतर शेयरों के बजाय कैश देकर भरना पड़ता है।

खैर, यह स्थिति बदलने नहीं जा रही क्योंकि कोई भी इस समस्या को शिद्दत से उठाकर किसी नतीजे पर पहुंचाने को आतुर नहीं है। सो, चीजें जैसी हैं, वैसी ही चलती रहेंगी। सेबी चाहे तो जोर देकर फिजिकल सेटलमेंट का नियम लागू करवा सकती है। बीएसई स्टॉक डेरिवेटिव्स में फिजिकल सेटलमेंट अपना चुका है। लेकिन वहां डेरिवेटिव्स में कोई सौदा होता नहीं और एसएनई कुछ निहित स्वार्थों के चलते ऐसा करना नहीं चाहता।

फिलहाल बाजार तेजी से गिरकर 5700 से 5500 के नीचे आ चुका है। इसने आज सेटलमेंट के आखिरी दिन खरीद का शानदार मौका पेश कर दिया है। आज भी गिरावट के बावजूद आईटीसी, एसीसी, रैनबैक्सी, ग्रासिम, अंबुजा सीमेंट, भेल और डॉ. रेड्डीज लैब जैसे शेयरों में ठीकठाक बढ़त दर्ज की गई है। वैसे, इस सेटलमेंट से जुड़ी सारी चिंताएं आज इसके खात्मे के साथ ही दफ्न हो गई हैं।

अभी तक 78,000 करोड़ रुपए के सौदों को रोलओवर हो चुका है। इसमें सदाबहार किस्म की आर्ब्रिट्राज पोजिशन भी शामिल हैं। दिक्कत यह है कि अमेरिका के ऋण संकट के हौवे को देखते हुए कोई भी ट्रेडर अपनी पोजिशन अगस्त सीरीज में ले जाने को तैयार नहीं है, जबकि बहुतों को शॉर्ट बने रहने ही भलाई लग रही है। थोड़े में कहूं तो बाजार फिर से ओवरसोल्ड स्थिति में जा पहुंचा है और कल से नए पोजिशन बनना शुरू हो जाएंगी। मुझे लगता है कि 2 अगस्त के बाद से बाजार बढ़ना शुरू करेगा क्योंकि तब तक अमेरिका का ऋण संकट किसी न किसी किनारे लग चुका होगा।

सत्ता में बैठे लोग दिखाते हैं कि वे महान आत्माएं हैं, भगवान का काम कर रहे हैं और आम कमजोर लोग उनके महान विचारों को नहीं समझ सकते। लेकिन हकीकत में वे भगवान के बनाए हर उसूल की धज्जियां उड़ा रहे होते हैं।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का फीस-वाला कॉलम है, जिसे हम यहां मुफ्त में पेश कर रहे हैं)

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