एक ट्रक डाइवर था। मस्त-मस्त सपने बुनता था कि थोड़ा-थोड़ा करके किसी दिन इतना बचा लेगा कि अपना ट्रक खरीदेगा और तब गैर का चाकर नहीं, खुद अपना मालिक होगा। सौभाग्य से एक दिन वो सपना पूरा हुआ। सालों-साल की बचत काम आई। उसने एकदम झकास नया ट्रक खरीदा। नौकरी छोड़ दी। यार-दोस्तों के साथ खुशी मनाने के लिए जमकर दारू पी। उसी रात घर लौट रहा तो नशे में ट्रक खड्डे में गिरा दी। डीजल टैंकऔरऔर भी

जिस वित्तीय सेवा कंपनी को वल्लभ भंसाली में 1984 में अपने बड़े भाई (स्वर्गीय) मानेक भंसाली और दो दोस्तों नेमिश शाह व जगदीश मास्टर के साथ मिलकर बनाया था, उसे अब उन्होंने निजी क्षेत्र के तीसरे सबसे बड़े बैंक, एक्सिस बैंक को बेचने का फैसला कर लिया है। बुधवार को ईल-उल-जुहा के दिन एक्सिस बैंक की सीईओ शिखा शर्मा और एनम सिक्यूरिटीज के चेयरमैन वल्लभ भंसाली ने एक संवाददाता सम्मेलन में इसकी घोषणा की। वल्लभ भंसाली नेऔरऔर भी