एनम सिक्यूरिटीज ने 2067 करोड़ में अपना धंधा एक्सिस बैंक को बेचा

जिस वित्तीय सेवा कंपनी को वल्लभ भंसाली में 1984 में अपने बड़े भाई (स्वर्गीय) मानेक भंसाली और दो दोस्तों नेमिश शाह व जगदीश मास्टर के साथ मिलकर बनाया था, उसे अब उन्होंने निजी क्षेत्र के तीसरे सबसे बड़े बैंक, एक्सिस बैंक को बेचने का फैसला कर लिया है। बुधवार को ईल-उल-जुहा के दिन एक्सिस बैंक की सीईओ शिखा शर्मा और एनम सिक्यूरिटीज के चेयरमैन वल्लभ भंसाली ने एक संवाददाता सम्मेलन में इसकी घोषणा की। वल्लभ भंसाली ने कहा कि यह अधिग्रहण नहीं है, बल्कि समान कार्य संस्कृति के दो व्यवसायों का एक-दूसरे को आगे बढ़ाने के लिए साथ आना है।

इस करार के तहत एनम सिक्यूटिरीज एसेट मैनेजमेंट या म्यूचुअल फंड और बीमा ब्रोकिंग के अलावा अपना सारा कामकाज एक्सिस बैंक के हवाले कर देगी। इसमें उसकी ब्रांड छवि, नाम, करीब 400 कर्मचारी व कॉरपोरेट व अन्य ग्राहक शामिल हैं। शिखा शर्मा के अनुसार पूरा सौदा 2067 करोड़ रुपए का है, लेकिन इसका भुगतान एक्सिस बैंक नकद में नहीं, बल्कि अपने शेयरों के रूप में करेगा। अभी एनम सिक्यूरिटीज की 100 फीसदी इक्विटी वल्लभ भंसाली, मानेक भंसाली, नेमिश शाह और जगदीश मास्टर के परिवारों के पास है और उन्हें ही एक्सिस बैंक के शेयर भी मिलेंगे। एनम सिक्यूरिटीज के हर दस शेयर पर एक्सिस बैंक के 57 शेयर मिलेंगे। इस सौदे के पूरा होने पर एक्सिस बैंक की बढ़ी हुई इक्विटी में एनम की हिस्सेदारी करीब 3.3 फीसदी रहेगी।

अनुमान है कि इस सौदे को पूरा होने में चार से छह महीने लग जाएंगे। कारण, करार को अंजाम पर पहुंचाने से पहले शेयरधारकों के साथ-साथ रिजर्व बैंक, सेबी, बॉम्बे हाईकोर्ट और गुजरात हाईकोर्ट की औपचारिक मंजूरी लेनी होगी। एनम सिक्यूरिटीज मुंबई, महाराष्ट्र में बनाई गई कंपनी है तो एक्सिस बैंक का रजिस्टर्ड ऑफिस अहमदाबाद में हैं। हालांकि, एनम अनलिस्टेड कंपनी है, इसलिए उसे कोई बहुत झंझट नहीं है। वल्लभ भंसाली के अनुसार एनम सिक्यूरिटीज ने 2009-10 में 220 करोड़ रुपए की आय 92 करोड़ रुपए का कर-पूर्व लाभ कमाया था, जबकि चालू वित्त वर्ष 2010-11 में 1 अप्रैल से 20 अक्टूबर तक उसकी आय 182 करोड़ रुपए और कर-पूर्व लाभ 77 करोड़ रुपए रहा है।

वल्लभ भंसाली ने यह भी बताया कि एसेट मैनेजमेंट में वे कोई म्यूचुअल फंड नहीं, बल्कि पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सेवाएं ही चलाते रहे हैं। उसे और बीमा बेचने के काम को इस सौदे से अलग रखा गया है। उनका कहना था कि एनम सिक्यूरिटीज ने मार्केटिंग पर नहीं, बल्कि डिलीवरी पर ध्यान दिया है और ग्राहकों को अलग तरह की उत्कृष्ट सेवाएं दी हैं। प्रेस कांफ्रेंस में आगे बोलते-बोलते उनका कहना था कि ‘इंशा अल्लाह’ भविष्य में भी हम ऐसा करते रहेंगे। आश्चर्य हुआ कि इंशा अल्लाह तो मुस्लिम लोग ही बोलते हैं। फिर लगा कि शायद गुजरात के कच्छी समुदाय से वास्ता रखनेवाले इस शख्स को आज बकरीद की हवा लग गई हो।

समझौते के मुताबिक एक्सिस बैंक दो साल तक एनम के ब्रांड का इस्तेमाल कर सकता है और कम के कम पांच साल तक वल्लभ भंसाली और उनके सहयोगी इक्विटी व निवेश बैंकिंग जैसे व्यवसाय में नहीं उतरेंगे। एक्सिस बैंक की ब्रोकिंग इकाई एनम के साथ मिल जाएगी। नई बननेवाली कंपनी में सीईओ का पद एनम सिक्यूरिटीज के सीईओ मनीष चोखानी को सौंपा जाएगा, जबकि वल्लभ भंसानी एक्सिस बैंक के निदेशक बोर्ड में शामिल किए जाएंगे। इस मौके पर शिखा शर्मा का कहना था कि यह करार रणनीतिक और सांस्कृतिक रूप से एकदम फिट सौदा है। उन्होंने याद दिलाया कि उनकी शुरूआत 1992 में आईसीआईसीआई बैंक की ब्रोकिंग फर्म आईसीआईसीआई सिक्यूरिटीज से ही हुई थी।

इस करार पर ब्रोकर फर्म एसएमसी कैपिटल के इक्विटी प्रमुख जगन्नाधम तुनगुंटुला का कहना है कि एक्सिस बैंक को अगर कल को जेपी मॉरगन या मॉरगन स्टैनली का मुकाबला करना है तो उसे एक इनवेस्टमेंट बैंकिंग इकाई की जरूरत थी और एनम सिक्यूरिटीज को अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए बडी बैलेंस शीट का आधार चाहिए था। इसलिए यह सौदा दोनों के हित में है। उन्होंने एनम के मूल्यांकन पर कोई टिप्पणी नहीं की। वैसे, 25-26 साल के भीतर चार लोगों द्वारा बनाई गई कोई फाइनेंस कंपनी 2100 करोड़ रुपए का मूल्य हासिल कर लेती है, यह अपने-आप में काफी उत्साहजनक बात है।

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