मंदड़ियों के खेमे व सोच में कुछ ऐसी तब्दीलियां हुई हैं जिनके चलते 5000 को अब समर्थन का मजबूत स्तर मान लिया है। यानी, माना जा रहा है कि निफ्टी के अब इससे नीचे जाने की गुंजाइश बेहद कम है। फिर भी अगर मंदड़िए और एफआईआई मिलकर तगड़ी बिकवाली का नया दौर शुरू करते हैं तो बाजार 5000 पर भी नहीं रुकेगा और सीधे टूटकर 4700 तक चला जाएगा। ऐसा होगा या नहीं, यह तो हमें केवलऔरऔर भी

हमारे शेयर बाजार पर लगता है कि धमाकों का कोई असर ही नहीं होता। दिल्ली हाईकोर्ट के सामने सुबह करीब 10.15 बजे बम फटा। लेकिन निफ्टी 11 बजे के बाद निर्णायक रूप से 5100 के पार चला गया। बाजार में भारी मात्रा में शॉर्ट सौदे हुए पड़े हैं। गिरावट की आशंका और आनेवाली कुछ नकारात्मक घटनाएं शॉर्ट सेलिंग करनेवालों को अपनी पोजिशन काटने से रोक रही हैं। हालांकि रिटेल निवेशक इससे बेअसर हैं क्योंकि डेरिवेटिव सेगमेंट मेंऔरऔर भी

बाजार ने कल साबित करने की कोशिश की कि अमेरिकी बाजार से हमारा कोई वास्ता नहीं रह गया है, जबकि ग्लोबल होती जा रही दुनिया का सच यह नहीं है। दरअसल बाजार के महारथियों ने कुछ एफआईआई की मदद से चुनिंदा स्टॉक्स को खरीदकर बनावटी माहौल बनाने की कोशिश की थी। खैर, कल जो हुआ, सो हुआ। आज दोपहर करीब डेढ़ बजे के बाद बाजार ने बढ़त पकड़ ली तो कारोबार के अंत तक सेंसेक्स 0.89% बढ़करऔरऔर भी

यूटीआई म्यूचुअल फंड में चेयरमैन व प्रबंध निदेशक का पद इस साल फरवरी में यू के सिन्हा के पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी का चेयरमैन बन जाने के बाद से ही खाली पड़ा है। इसकी खास वजह है कि वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की निजी सलाहकार ओमिता पॉल इस पद पर अपने भाई जितेश खोसला को बैठाने पर अड़ी हुई हैं, जबकि यूटीआई एसेट मैनेजमेंट कंपनी द्वारा बनाई गई सर्च कमिटी ने खोसला को अनुपयुक्त ठहरा दियाऔरऔर भी

जैसी हमें उम्मीद थी, वैसा ही हुआ। निफ्टी 3.62 फीसदी बढ़कर 4919.60 और सेंसेक्स 3.58 फीसदी बढ़कर 16.416.33 पर पहुंच गया। बाजार के इस मुकाम पर हम निफ्टी में 5240 तक खरीद या लांग रहने का नजरिया रखते हैं। वहां पहुंचने के बाद हम चारों तरफ घट रही घटनाओं के आधार पर देखेंगे कि यह किसी मुर्दे में अचानक जान आ जाने का मामला है या रैली की शुरुआत हो चुकी है। 4100, 4200, 4300 व 4400औरऔर भी

महीने का आखिरी गुरुवार। डेरिवेटिव सेगमेंट में सेटलमेंट का आखिरी दिन। निफ्टी का 4820 या 5000 होना इस बात पर निर्भर था कि बाजार चलानेवालों ने ऑप्शंस में किस तरफ का कॉल या पुट प्रीमियम पकड़ा है। जैसा पहले सामने आ चुका है कि 4600 पर पुट सौदे की बड़ी पोजिशन बन चुकी थी तो निश्चित रूप से 4600 की गुंजाइश खत्म हो गई थी। दूसरी तरफ ऐसा लगता है कि उन्होंने 5000 और 5100 की कॉलऔरऔर भी

आखिरकार भारत वैश्विक झटके से धीरे-धीरे उबर रहा है। हालांकि हमारे मंदड़िए बाजार को तोड़कर नीचे से नीचे ले जाने की हरचंद कोशिश में जुटे हैं। वे इसमें कामयाब नहीं हो पाएंगे और उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी होगी। यह अलग बात है कि ऑपरेटरों व एफआईआई का खेल रह-रहकर अपना प्रताप दिखाता रहता है। बाजार के संचालकों के लिए ऑप्शंस में कॉल व पुट राइटिंग के ऊंचे और नीचे स्तर से फायदा कमाकर घर ले जानेऔरऔर भी

निफ्टी में 5000 का स्तर अपने अंदर हरसंभव नकारात्मकता को सोखे हुए हैं। फिर भी गिरावट से इनकार नहीं किया जा सकता क्योंकि लंबी कूद के लिए कुछ कदम पीछे तो जाना ही पड़ता है। जैसा कि सामने आ चुका है कि निफ्टी में 4800 की सीरीज में जमकर पुट ऑप्शन सौदे हुए है जो दिखाता है कि ज्यादातर मंदड़िए चाहते हैं कि अंततः रुख पलटने से पहले बाजार 4800 तक चला जाए। आज तो मंदड़ियों काऔरऔर भी

अमेरिका का डाउनग्रेड होना चाहिए था या नहीं, यह अब बहस का नहीं, इतिहास का मसला बन चुका है क्योंकि एस एंड पी उसकी संप्रभु रेटिंग को डाउनग्रेड कर एएए से एए+ पर ला चुकी है। हो सकता है कि एएए रेटिंग वाले दूसरे देशों को भी बहुत जल्द ही डाउनग्रेड कर दिया जाए। लेकिन क्या इस तरह के डाउनग्रेड से सब कुछ खत्म हो जाता है? ऐसा कतई नहीं है। दुनिया और बाजार चलते रहे हैं,औरऔर भी

केंद्र सरकार ने इस बात से इनकार किया है कि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में उसके सभी अनुषंगी बैंकों के विलय करने का निर्णय ले लिया गया है। वित्त राज्यमंत्री नमो नारायण मीणा ने मंगलवार को लेफ्ट सांसद डी राजा के सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार की मौजूदा नीति के तहत एकीकरण के लिए बैंकों के प्रबंधन की ओर से पहल करनी होती है। उन्होंने हालांकि कहा किऔरऔर भी