हैं सैकड़ों शेयर जो देंगे 100% रिटर्न

आखिरकार भारत वैश्विक झटके से धीरे-धीरे उबर रहा है। हालांकि हमारे मंदड़िए बाजार को तोड़कर नीचे से नीचे ले जाने की हरचंद कोशिश में जुटे हैं। वे इसमें कामयाब नहीं हो पाएंगे और उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी होगी। यह अलग बात है कि ऑपरेटरों व एफआईआई का खेल रह-रहकर अपना प्रताप दिखाता रहता है।

बाजार के संचालकों के लिए ऑप्शंस में कॉल व पुट राइटिंग के ऊंचे और नीचे स्तर से फायदा कमाकर घर ले जाने में बस दो दिन बचे हैं। इसलिए मेरा मानना है कि केवल वही स्टॉक्स कल बढ़ेंगे जिनमें लांग पोजिशन खुली पड़ी है ताकि उस्ताद लोग कैश का अंतर निवेशकों से निचोड़ सकें। सेबी का सर्कुलर उन्हें अपनी पोजिशन सितंबर में ले जाने की इजाजत नहीं देगा। इसलिए नतीजा कुछ भी हो, सारा हिसाब-किताब कल नक्की कर दिया जाएगा। इसे मूल्य-आधारित खरीद करनेवाले निवेशकों को खरीद के अच्छे मौके के रूप में पकड़ना चाहिए।

यह पुरानी शराब है जिसे वैश्विक चिंताओं की बोतल में भर दिया गया है। अगर सचमुच की कोई समस्या रही होती तो नेस्ले, पेज इंडस्ट्रीज, वीआईपी, टीटीके प्रेस्टिज जैसे तमाम स्टॉक्स भी गिर गए होते। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बाकी आप जो समझना चाहते हैं, समझ सकते हैं। मीडिया तो हर दिन कोई न कोई नई तान छेड़कर आपके अच्छे-खासे दिमाग को भ्रष्ट करता रहता है। वो ऐसा इसलिए कर पाता है क्योंकि आप हवा के रुख के साथ बहने के आदी हो गए हैं। आप इस गफलत में रहते हैं जैसे कि आप अर्थशास्त्री हों और सब कुछ बदलने जा रहे हैं।

सैकड़ों स्टॉक्स हैं जिन्हें खरीदकर भूला जा सकता है। इनमें हिंडाल्को, टाटा मोटर्स, एसबीआई, एसीसी, टाटा स्टील, जेएसडल्ब्यू स्टील, जिंदस स्टील, जेएसडब्ल्यू इस्पात, रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) और ऐसे बहुत सारे शेयर शामिल हैं। चाहे कुछ भी हो जाए, ये सभी अगले एक साल में 100 फीसदी बढ़नेवाले हैं। ये शेयर हर तरह की आस्ति को रिटर्न के मामले में मात कर देंगे।

एफआईआई का कुल निवेश 15 फीसदी से नीचे आ चुका है। मेरा मानना है कि वे इससे ज्यादा और नहीं बेच सकते। एसबीआई को वे 2000 तक गिराकर लाना चाहते थे और इसमें कामयाब हो गए। उनकी इस हरकत की भनक मुझे तब ही लग गई थी जब यह 3500 रुपए पर था। मैंने तब इसके गिरने का अनुमान भी पेश किया था। अब मेरा कहना है कि यह अगले दो सालों में पलटकर 4000 रुपए पर पहुंच जाएगा। साल 2014 में यह 5000 करोड़ रुपए के तिमाही लाभ की घोषणा करेगा। कृपया इसे कट-पेस्ट करके कहीं हिफाजत से रख लें।

दो दिन की बढ़त के बाद निफ्टी को फिर करीब डेढ़ फीसदी गिराकर 4875 तक पहुंचा दिया गया। असल में अमेरिका व यूरोप के संकट के नाम पर पिछले कुछ दिनों से बाजार को इस तरह 5300 से गिराकर 4800 तक ले जाना पूरी तरह एफआईआई और मजबूत ऑपरेटरों का सुनियोजित खेल है। इसलिए मुझे यकीन है कि बाजार एकदम सुरक्षित व मजबूत है। अगर आप इस स्थिति का फायदा नहीं उठा सकते तो आप उस भीड़ की भेड मानसिकता के शिकार हैं जो बिना किसी बात के विलाप किए जा रही है।

आप कितने साहसी हैं, इसी के हिसाब से आपकी दुनिया छोटी-बड़ी होती है।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का फीस-वाला कॉलम है, जिसे हम यहां मुफ्त में पेश कर रहे हैं)

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