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Method in Madness

एक करोड़ से ज्यादा भारतीय हर दिन शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग से कमाई के चक्कर में पगलाए रहते हैं. हम इन्हें समझदार बनाने की कोशिश में लगे हैं. इसी क्रम में 8 सितंबर से 5 दिसंबर तक तीन महीने ‘ट्रेडिंग बुद्ध’ कॉलम सबके लिए खुला रहेगा और इसमें हर हफ्ते ट्रेडिंग के अलग-अलग पहलुओं को डिकोड किया जाएगा. इस दौरान लम्बे निवेश की सीख वाला साप्ताहिक कॉलम

‘तथास्तु’ पहले की तरह आता रहेगा.

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people

right on results

कर्म और फल, दोनों पर अधिकार

2025-11-18
By: अनिल रघुराज
On: November 18, 2025
In: ऋद्धि-सिद्धि

और भीऔर भी

helplessness

प्रार्थना व याचना मजबूरी में

2025-11-17
By: अनिल रघुराज
On: November 17, 2025
In: ऋद्धि-सिद्धि

और भीऔर भी

killing democracy

जनता न प्रजा है, न सरकार राजा

2025-11-16
By: अनिल रघुराज
On: November 16, 2025
In: ऋद्धि-सिद्धि

और भीऔर भी

nothing sudden

कुछ भी अचानक नहीं

2025-11-15
By: अनिल रघुराज
On: November 15, 2025
In: ऋद्धि-सिद्धि

और भीऔर भी

equanimity

दुख में भी खुश रहने का हुनर

2025-11-14
By: अनिल रघुराज
On: November 14, 2025
In: ऋद्धि-सिद्धि

और भीऔर भी

power of politics

राजनीति ही बदले सब कुछ

2025-11-13
By: अनिल रघुराज
On: November 13, 2025
In: ऋद्धि-सिद्धि

और भीऔर भी

deceit

राष्ट्र के नाम पर धोखा

2025-11-12
By: अनिल रघुराज
On: November 12, 2025
In: ऋद्धि-सिद्धि

और भीऔर भी

own country

परदेश अपना देश नहीं

2025-11-11
By: अनिल रघुराज
On: November 11, 2025
In: ऋद्धि-सिद्धि

और भीऔर भी

all inside

सब अंदर समा जाए

2025-11-10
By: अनिल रघुराज
On: November 10, 2025
In: ऋद्धि-सिद्धि

और भीऔर भी

wall between

समाधान की दोगुनी क्षमता

2025-11-09
By: अनिल रघुराज
On: November 9, 2025
In: ऋद्धि-सिद्धि

और भीऔर भी

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निवेश – तथास्तु

  • बहाने बाज़ार चढ़ाकर मुनाफा काटने के
    16 Nov 2025

    पीनेवालों को पीने का बहाना चाहिए। इसी तरह सौदागरो को शेयर बाज़ार में मुनाफा काटने के ट्रिगर चाहिए। बिहार के चुनावों का हमारे शेयर बाज़ार के कोई लेना-देना नहीं। लेकिन इसमें एनडीए की बम्पर जीत के माहौल में बहुतेरे सौदागर 14 नवंबर को दोपहर होते-होते मुनाफा काटकर निकल गए। कुछ ऑपरेटर आगे का माहौल बनाने के लिए बाज़ार बंद होने से ठीक पहले 3 से 3.10 बजे तक 10 मिनट में ही निफ्टी-50 को 0.70% चढ़ा ले […]

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क्या आप जानते हैं?

  • हमारी आंखें बैक्टीरिया के जीन की देन!

    इंसान से लेकर हाथी, घोड़ा, गाय-बैल, सांप, छिपकली, मेढक, मगरमच्छ व चिड़ियों तक धरती पर जितने भी 69,963 किस्म के रीढ़वाले या कशेरुकी (vertebrates) जीव-जन्तु हैं, उन्होंने देखने की क्षमता वाली अपनी आंखें एक बैक्टीरिया के जीन से हासिल की है। यह सच अप्रैल 2023 में पीएनएएस (प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज) की …

अपनों से अपनी बात

  • साल में 41-112%, मिले है सिर्फ यहां!

    भारतीय अर्थव्यवस्था बढ़ रही है और आगे भी बढ़ेगी। लेकिन कहा जा रहा है कि इसका लाभ आम आदमी को पूरा नहीं मिलता। अमीर-गरीब की खाईं बढ़ रही है। बाज़ार को आंख मूंदकर गालियां दी जा रही हैं। लेकिन बाज़ार सचेत लोगों के लिए आय और दौलत के सृजन ही नहीं, वितरण का काम भी करता है। हमने तथास्तु सेवा इसीलिए शुरू की है ताकि अर्थव्यवस्था, खासकर कंपनियों के बढ़ने का लाभ निपट गरीबी से ऊपर रहनेवाले लोगों तक पहुंचाया जा सके। वे जिन्हें बैंक बहुत हुआ तो 9 प्रतिशत देता है, जबकि वास्तविक महंगाई की दर 10 प्रतिशत से ऊपर रहती है। वे भागकर जाते हैं सोने और रीयल एस्टेट में चले जाते हैं तो उनकी बचत लॉक हो जाती है। देश के काम नहीं आती। खुद उनके कितने काम आएगी, यह भी पक्का नहीं। जो पिछले साढ़े चार सालों से अर्थकाम से जुड़े हैं, वे हमारी ईमानदारी और सत्यनिष्ठा से भलीभांति वाकिफ हैं। शुरू में हम भी कच्चे थे तो बाज़ार के उस्तादों के जाल में फंस गए। गलतियां कीं। लेकिन जैसे ही समझ में आया, खटाक से उनसे किनारा कस लिया। करीब सवा साल पहले से नए सिरे से शुरू किया तो मजबूत आधार और गहन रिसर्च के साथ। उसी का नतीजा है कि हमारी सलाहें शानदार-जानदार रिटर्न दे रही हैं। पिछली बार हमने अगस्त 2013 से अगस्त 2014 तक का लेखाजोखा रखा था। अब सितंबर 2013 से सितंबर 2014 की बानगी पेश है। सितंबर 2013 में पांच रविवार थे तो पांच कंपनियां। आप नीचे की सारिणी से देख सकते हैं कि पांच में चार ने अपना (तीन से पांच साल का) लक्ष्य साल भर में ही पूरा कर लिया है, जबकि एक कंपनी 84.57 प्रतिशत रिटर्न के साथ लक्ष्य से ज़रा-सा पीछे है। तारीख कंपनी तब का भाव समय लक्ष्य 30/09/14 का भाव रिटर्न (%) 01/09/13 डॉ. रेड्डीज़ लैब 2292.90 3 साल 2815 3229.60 40.85 08/09/13 एचडीएफसी बैंक 616.20 3 साल 850 872.65 41.62 15/09/13 अतुल ऑटो 173.65 5 साल 260 367.90 111.86 22/09/13 कमिन्स इंडिया 409.25 3 साल 474 671.05 63.97 29/09/13 नवनीत एजुकेशन 53.15 3 साल 110 98.10 84.57   यहां यह भी गौर करने की बात है कि हम आमतौर पर हर महीने लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉल कैप का संतुलन बनाकर चलते हैं। यह भी बताते हैं कि कहां पर एंट्री करें और आपके पास कुल एक लाख रुपए हों तो उस हफ्ते की कंपनी में कितना लगाना चाहिए, उसके कितने शेयर खरीदने चाहिए। मसलन, सितंबर 2013 में हमने तीन लार्जकैप, एक मिडकैप और एक स्मॉल कैप कंपनी आपके निवेश के लिए पेश की थी। इसमें से लार्ज कैप कंपनियों में डॉ. रेड्डीज़ लैब का शेयर लक्ष्य हासिल कर चुका है और यही नहीं, 24 सितंबर 2014 को 3356.60 रुपए पर 52 हफ्ते का शिखर पकड़ चुका है। एचडीएफसी बैंक भी लक्ष्य हासिल करने के साथ ही 30 सितंबर 2014 को 879.80 रुपए का शिखर हासिल कर चुका है। कमिन्स इंडिया भी लक्ष्य हासिल कर लेने के साथ 4 सितंबर 2014 को 720 रुपए पर 52 हफ्ते का शीर्ष छू चुका है। स्मॉल कैप की श्रेणी वाला स्टॉक अतुल ऑटो साल भर में 111.86 प्रतिशत का रिटर्न देकर लक्ष्य के काफी आगे निकल चुका है। यही नहीं, 12 सितंबर 2014 को वो 446.90 रुपए का शिखर भी चूम चुका है। बाकी बची मिडकैप कंपनी नवनीत एजुकेशन में तीन साल का लक्ष्य 110 रुपए था। उसका शेयर 10 सितंबर 2014 को 104.90 रुपए तक जाने के बाद 30 सितंबर को 2014 को 98.10 रुपए पर था, जो साल का 84.97 रिटर्न दिखाता है। आप ऊपर की सारिणी से देख सकते हैं कि 1 सितंबर 2013 से 30 सितंबर 2014 तक की अवधि में तथास्तु में बताई पांच कंपनियों ने न्यूनतम 40.85 प्रतिशत और अधिकतम 111.86 प्रतिशत रिटर्न दिया है। इसी दौरान एनएसई निफ्टी ने 5550.75 से 7964.80 तक जाकर 43.49 प्रतिशत और बीएसई सेंसेक्स ने 18,886.13 से 26,567.99 तक पहुंचकर 40.67 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। दोस्तों! पुरानी बात फिर दोहरा रहा हूं कि मात्र 200 रुपए में अगर कोई सवा आपको बाज़ार से ज्यादा रिटर्न दिला रही है, वो भी आपको आपकी भाषा में अच्छी तरह कंपनी की जानकारी देकर तो क्या इस सेवा को आपका और आपको इस सेवा का लाभ नहीं मिलना चाहिए। बढ़ रही अर्थव्यवस्था का लाभ उठाइए। यकीन मानिए कि मोदी की सरकार बस एक निमित्त मात्र है। वो रहे या कोई और आए, अगले दस साल भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए जबरदस्त प्रगति के साल होने जा रहे हैं। इस दौरान एक साल में दोगुना ही नहीं, दस साल में अपनी बचत से दस गुना दौलत बनाने के मौके बहुत सारे आएंगे। दूसरे आपको बस उल्लू बनाएंगे। केवल हम ही हैं जो पूरी ईमानदारी और सत्यनिष्ठा से आपके लिए निवेश के हर रविवार को शानदार मौके लेकर आते रहेंगे। तुलसीदास की चौपाई याद कीजिए – सकल पदारथ है जन मांही, कर्महीन नर पावत नाहीं। आपके हिस्से का कुछ कर्म हम कर दे रहे हैं। बाकी तो आपको ही करना पड़ेगा। इसलिए…. सोचिए। समझिए। फैसला कीजिए। तथास्तु!!!

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ट्रेडिंग – बुद्ध

  • खेल खिलाड़ियों का, पंगा लेना खतरनाक
    17 Nov 2025

    शेयर बाज़ार का उठना-गिरना कभी भी अर्थव्यवस्था की सेहत का पैमाना नहीं होता। एफआईआई अगर हमारे शेयर बाज़ार में निवेश करते हैं तो सिर्फ इसलिए कि उन्हें यहां से मुनाफा कमाने की गुंजाइश दिखती है। यही नहीं, बाकी जो भी शेयर बाज़ार में धन लगाते हैं, उनका एकमात्र मकसद फटाफट ज्यादा से ज्यादा धन कमाना है। अर्थव्यवस्था का मजबूत या कमज़ोर होना सिर्फ खरीदने-बेचने का माहौल बनाता है, इससे ज्यादा कुछ नहीं। एफआईआई इस मायने में बड़े […]

जानिए

  • ज़ीरो-सम गेम नहीं है यह
  • ईटीएफ: चलो बाजार खरीद लें
  • मायने आईपीओ ग्रेडिंग के
  • जवाब कमोडिटी बाजार के

बूझिए

  • ओपन ऑफर, बायबैक, डीलिस्टिंग
  • इश्यू मूल्य और बुक बिल्डिंग
  • गुत्थी ऋण बाजार की
  • यह कासा बला क्या है?

आज़माइए

  • मोटामोटी दस बातें शेयरों की
  • गोल्ड ईटीएफ एक, दाम अनेक
  • न करें कम एनएवी का लालच
  • फायदे म्यूचुअल फंड निवेश के

क्या आप जानते हैं?

हमारी आंखें बैक्टीरिया के जीन की देन!

इंसान से लेकर हाथी, घोड़ा, गाय-बैल, सांप, छिपकली, मेढक, मगरमच्छ व चिड़ियों तक धरती पर

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