विदेशी निवेशक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में विश्वास जता रहे हैं। कोल इंडिया, पावरग्रिड कॉरपोरेशन और एनटीपीसी जैसी नौ कंपनियों में हाल के दिनों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की हिस्सेदारी बढ़ी है। पिछले दो साल में आईपीओ लानेवाली 11 सरकारी कंपनियों की शेयरधारिता के ताजा आंकड़ों के अनुसार नौ कंपनियों में चालू वित्त वर्ष 2010-11 की दिसंबर तिमाही में सितंबर तिमाही के मुकाबले एफआईआई की हिस्सेदारी बढ़ी है। हालांकि, ऑयल इंडिया और इंजीनियर्स इंडिया में एफआईआईऔरऔर भी

बाजार पर आज कम से कम दोपहर तक हाउसिंग लोन घोटाले का असर छाया रहेगा। लेकिन लंबे निवेश की चाह में लगे लोगों के लिए यह घोटाला कोई ऐसा मसला नहीं है जिससे डरकर भाग लिया जाए। गिरावट के ऐसे मौके तो अच्छे शेयरों को सस्ते में पकड़ने के लिए ही होते हैं। ऐसा ही सस्ता शेयर है टेक्नोफैब इंजीनियरिंग का। उसे कल ही 30 करोड़ रुपए का नया ऑर्डर मिला है। इससे ठीक पंद्रह दिन पहलेऔरऔर भी

कोल इंडिया के आईपीओ के मूल्य-निर्धारण ने एफआईआई निवेश के जमकर आने का माहौल बना दिया है। इस इश्यू में बाहर से कम से कम 75,000 करोड़ रुपए आने की उम्मीद है। अगर विदेशी निवेशकों को कोल इंडिया के आईपीओ में आवंटन नहीं मिला तो वे इसके शेयर लिस्टिंग होने के बाद बाजार से खरीदेंगे। अगर कोल इंडिया का शेयर लिस्टिंग पर बहुत महंगा हो गया तो बाहर से आया यह धन एनएचपीसी, आरईसी और एनटीपीसी कीऔरऔर भी

राष्ट्रमंडल खेलों की आयोजन समिति की मैली चादर में अब छेद भी होने लगे हैं। सार्वजनिक क्षेत्र की दो प्रमुख कंपनियों, एनटीपीसी और पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ने इन खेलों की स्पांसरशिप के लिए पहले वादा किए गए 60 करोड़ रुपए में से बाकी बचे 40 करोड़ रुपए नहीं देने का फैसला किया है। दोनों कंपनियों के निदेशक बोर्ड ने अपनी-अपनी अलग बैठकों में बुधवार को यह निर्णय लिया। गौरतलब है कि 3 से 14 अक्टूबर तक होनेवालेऔरऔर भी

नवनीत पब्लिकेशंस का उस नवनीत पत्रिका से कोई वास्ता नहीं है जिसके संपादक विश्वनाथ सचदेवा हैं। यह कंपनी तो स्कूली बच्चों की किताबों के प्रकाशन और स्टेशनरी का व्यवसाय करती है। और, क्या खूब करती है। नवनीत पब्लिकेशंस ने मार्च 2010 में खत्म हुए वित्त वर्ष 2009-10 में 523.31 करोड़ रुपए की बिक्री पर 68.47 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया है। केवल मार्च 2010 की तिमाही की बात करें तो उसकी बिक्री 100.61 करोड़ व शुद्धऔरऔर भी