वर्ष 2011-12 की खरीफ फसल में 164 लाख टन से अधिक धान की खरीद की गई है। खाद्य मंत्रालय के अनुसार, 2 जनवरी 2012 तक विभिन्‍न सरकारी एजेंसियों द्वारा 164,84,195 टन धान की खरीद की जा चुकी है। इसमें पंजाब ने सबसे अधिक 76,60,745 टन धान की खरीदारी की जबकि छत्‍तीसगढ़ 21,25,475 टन धान की खरीद करके उससे बहुत नीचे दूसरे नंबर पर रहा। हरियाणा ने 19,66,167 और उत्‍तर प्रदेश ने 14,30,184 टन धान खरीदा।और भीऔर भी

खरीफ फसल के दौरान 2011-12 (अक्‍तूबर-सितम्‍बर) में चावल की सरकारी खरीद का आंकड़ा एक करोड़ टन का निशान पार कर गया है। खाद्य व उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार 17 नवम्‍बर, बुधवार तक चालू खरीफ सीजन के दौरान विभिन्‍न सरकारी एजेंसियों ने 1,01,04,088 टन चावल की खरीद की। इस मामले में पंजाब सबसे आगे है जहां 76,04,255 टन चावल खरीदा गया। 19,30,703 टन चावल खरीदने के साथ हरियाणा दूसरे नम्‍बर पर है। तीसराऔरऔर भी

सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में आवश्यक वस्तुओं को निर्धारित लोगों तक पहुंचाने के लिए हरियाणा व चंडीगढ़ में स्मार्ट कार्ड योजना प्रायोगिक आधार पर शुरू कर दी है। इस योजना के तहत वर्तमान राशन कार्डों को स्‍मार्ट कार्ड से बदला जा रहा है। उपभोक्‍ता मामलात, खाद्य व सार्वजनिक वितरण मंत्री के वी थॉमस ने लोकसभा में एक प्रश्‍न के लिखित उत्‍तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस) की कार्यक्षमताऔरऔर भी

रबी फसलों की बुवाई कहीं नमी की कमी से तो कहीं हाल की बारिश से बुरी तरह प्रभावित हुई है। इसी के चलते अभी तक रबी सीजन की बुवाई पिछले साल के मुकाबले अभी तक आधी भी नहीं हो पाई है। सबसे चिंताजनक स्थिति गेहूं बुवाई की है। इसका रकबा पिछले साल के मुकाबले सर्वाधिक 30 लाख हेक्टेयर तक पीछे है। बुवाई में विलंब होने से गेहूं की उत्पादकता पर विपरीत असर पडऩे का खतरा है। इसेऔरऔर भी

केंद्र सरकार ने स्वीकार कर लिया है कि इस सीजन में खरीदे जानेवाले लगभग 263 लाख टन गेहूं का 20 फीसदी हिस्सा खुले में रखना पड़ेगा क्योंकि देश में इसके भंडारण की उचित सुविधाएं नहीं हैं। पिछले साल गेहूं की सरकारी खरीद 254 लाख टन रही थी जो इस साल 9 लाख टन ज्यादा रहेगी। बता दें कि इस बार पंजाब व हरियाणा में गेहूं की बंपर फसल हुई है। सरकारी संस्था भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) केऔरऔर भी