जब आंधी-तूफान का अंदेशा हो तो हल्की चीजें हाथ में नहीं रखनी चाहिए। बाजार का माहौल ऐसा ही बन रहा है। लेकिन यह माहौल बड़ी कंपनियों को सस्ते में पकड़ने का अच्छा मौका भी पेश कर रहा है। ऐसी ही एक कंपनी है सीमेंस। ऊर्जा, औद्योगिक इंजीनियरिंग और हेल्थकेयर क्षेत्र में सक्रिय बहुराष्ट्रीय कंपनी। पैदाइश जर्मनी की। कंपनी का शेयर नए साल में गिरता ही जा रहा है। 3 जनवरी को 828.90 रुपए पर था। कल बंदऔरऔर भी

बैंकिंग व फाइनेंस की दुनिया बड़ी विचित्र होती है। इसी साल 24 फरवरी को देश के सबसे बड़े बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन ओ पी भट्ट ने कहा था कि बैंक को अगले पांच सालों में लगभग 40,000 करोड़ रुपए जुटाने की जरूरत पड़ेगी। अब वही भट्ट साहब कह रहे हैं कि बैंक के पास 40,000 करोड़ रुपए का कैश इफरात पड़ा है जिसे बैंक कहीं लगा नहीं पा रहा है। कोई कह सकता हैऔरऔर भी