सीमेंस पर आंधी-तूफान बेअसर

जब आंधी-तूफान का अंदेशा हो तो हल्की चीजें हाथ में नहीं रखनी चाहिए। बाजार का माहौल ऐसा ही बन रहा है। लेकिन यह माहौल बड़ी कंपनियों को सस्ते में पकड़ने का अच्छा मौका भी पेश कर रहा है। ऐसी ही एक कंपनी है सीमेंस। ऊर्जा, औद्योगिक इंजीनियरिंग और हेल्थकेयर क्षेत्र में सक्रिय बहुराष्ट्रीय कंपनी। पैदाइश जर्मनी की। कंपनी का शेयर नए साल में गिरता ही जा रहा है। 3 जनवरी को 828.90 रुपए पर था। कल बंद हुआ है 760.50 रुपए पर। एक हफ्ते में 8.25 फीसदी की गिरावट। इस पर बराबर नजर रखनी चाहिए। गिरता रहे तो थोड़ा-थोड़ा करके खरीदते रहना चाहिए।

सीमेंस लिमिटेड ए ग्रुप का मजबूत शेयर है। कोई आंधी-तूफान इसे उड़ा नहीं सकता। यह शेयर (बीएसई – 500550, एनएसई – SIEMENS) अभी 31 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। उसका ठीक पिछले बारह महीनों का ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 24.53 रुपए है। शेयर की बुक वैल्यू 103.11 रुपए है। यूं तो बी ग्रुप या मिड व स्मॉल कैप कंपनियों का मानक अपनाएं तो यह काफी महंगा शेयर दिखता है। लेकिन ए ग्रुप की मजबूत कंपनियों में इतना प्रीमियम चलता है। एसएमसी ग्लोबल की सलाह है कि सीमेंस को 930 रुपए के लक्ष्य के साथ खरीद लेना चाहिए। यानी, हम इससे 20 फीसदी से ज्यादा रिटर्न की उम्मीद कर सकते हैं।

कंपनी के पास इस समय 12,400 करोड़ रुपए के ऑर्डर हैं, जिसमें से 7700 करोड़ के ऑर्डर ऑयल व गैस क्षेत्र के हैं। पिछले साल की तुलना में उसकी ऑर्डर बुक 41 फीसदी बढ़ी है। कंपनी की योजना अगले दो सालों में देश के भीतर विंड टरबाइन के विकास पर करीब 400 करोड़ रुपए खर्च करने की है। यह 2012 तक कंपनी द्वारा भारत में अक्षय ऊर्जा के धंधे में 1600 करोड़ करोड़ रुपए लगाने के लक्ष्य का हिस्सा है। इसके तहत वह गोवा में 200 करोड़ रुपए की लागत से एक फैक्टरी लगाने जा रही है जहां एनर्जी ऑटोमेशन प्रोडक्ट बनाए जाएंगे। यह एनर्जी ऑटोमेशन फैक्टरी दुनिया भर में सीमेंस की गिनी-चुनी तीन फैक्टरियों में शामिल है। यूरोप के बाहर यह इस तरह की पहली फैक्टरी है। यहां बिजली के डिस्ट्रीब्यूशन व ट्रांसमिशन में इस्तेमाल होनेवाले प्रिटेंड सर्किट बोर्ड से लेकर इलेक्ट्रो-मैकेनिकल रिले जैसे तमाम उत्पाद बनाए जाएंगे।

कंपनी का वित्त वर्ष अक्टूबर से सितंबर तक का है यानी सितंबर की तिमाही उसके वित्त वर्ष की चौथी व आखिरी तिमाही होती है। सितंबर 2010 में खत्म वित्त वर्ष में कंपनी का परिचालन लाभ 26 फीसदी बढ़कर 1191.7 करोड़ रुपए और शुद्ध लाभ 27 फीसदी बड़कर 827.2 करोड़ रुपए हो गया है। अगर केवल सितंबर तिमाही की बात करें तो उसका शुद्ध लाभ 66 फीसदी बढ़कर 251.47 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। कंपनी हर सेगमेंट में विकास कर रही है। उसके वित्त वर्ष 2010-11 की पहली तिमाही के नतीजे 28 जनवरी को आने हैं। मुझे लगता है कि अभी इसमें निवेश कर देना चाहिए और नतीजे आने के कुछ दिन बाद फिर थोड़ा और खरीद लेना चाहिए।

सीमेंस बराबर लाभांश देनेवाली कंपनी है। वह 2 रुपए अंकित मूल्य के शेयर पर 5 रुपए (250 फीसदी) तक लाभांश देती रही है। वह बीते वित्त वर्ष में भी 5 रुपए लाभांश दे रही है। कंपनी की 67.43 करोड़ रुपए की इक्विटी में प्रवर्तकों का हिस्सा 55.18 फीसदी है, जबकि इसके 4.13 फीसदी शेयर एफआईआई और 23.14 फीसदी शेयर डीआईआई के पास हैं।

अंत में एक और सूचना। सूत्रों के मुताबिक एमटेक इंडिया (बीएसई – 532282) में कुछ अच्छी खबर आनेवाली है। इसलिए अगले दो सत्रों तक इस पर नजर रखें। वैसे, कल यह हल्की-सी गिरावट के साथ 70.65 रुपए पर बंद हुआ है।

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