लोकतंत्र तो बहाना, सत्ता लूटना ठिकाना
मोदी सरकार भ्रष्टाचार को सदाचार में कैसे बनाती रही है, इसकी सटीक मिसाल है चुनावी बांड। जिसे जनता जनार्दन कहा जाता है, उसे पता ही नहीं कि किस देशी-विदेशी कंपनी ने किस राजनीतिक पार्टी को कितना चंदा दे दिया। बस, देनेवाला जानता है किसको दिया और पानेवाला जानता है कि किसने दिया। डील हो गई। डंके की चोट पर कॉरपोरेट रिश्वतखोरी को चुनावी फंडिंग का वैधानिक हिस्सा बना दिया गया। लेकिन सरकार ने कहा कि चुनावी बांडऔरऔर भी