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निफ्टी की दशा-दिशा: शुक्रवार 27 मई 2022 अंतिम रुख↑ शाम 3.30 बजे

 

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eyes (Page 3)

eyes on the horizon

क्षितिज़ पर नज़र

2016-07-16
By: अनिल रघुराज
On: July 16, 2016
In: ऋद्धि-सिद्धि

और भीऔर भी

unaffected

विकारों से हीन निर्विकार

2016-06-28
By: अनिल रघुराज
On: June 28, 2016
In: ऋद्धि-सिद्धि

और भीऔर भी

essential condition to live

जीने की ज़रूरी शर्त

2016-03-18
By: अनिल रघुराज
On: March 18, 2016
In: ऋद्धि-सिद्धि

और भीऔर भी

world and boundary

दायरा और दुनिया

2016-03-08
By: अनिल रघुराज
On: March 8, 2016
In: ऋद्धि-सिद्धि

और भीऔर भी

truth-journey

सच की यात्रा

2014-07-11
By: अनिल रघुराज
On: July 11, 2014
In: ऋद्धि-सिद्धि

और भीऔर भी

see through others eyes

औरों की नज़र से

2014-06-25
By: अनिल रघुराज
On: June 25, 2014
In: ऋद्धि-सिद्धि

और भीऔर भी

naturespareparts

रखो स्पेअर पार्ट

2013-09-02
By: अनिल रघुराज
On: September 2, 2013
In: ऋद्धि-सिद्धि

और भीऔर भी

blinding ideology

वाद के वादी

2013-04-29
By: अनिल रघुराज
On: April 29, 2013
In: ऋद्धि-सिद्धि

और भीऔर भी

luck

भाग्य का जंगल

2012-12-03
By: अनिल रघुराज
On: December 3, 2012
In: ऋद्धि-सिद्धि

और भीऔर भी

quote of knowledge

उलझनों की पट्टी

2012-10-12
By: अनिल रघुराज
On: October 12, 2012
In: ऋद्धि-सिद्धि

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निवेश – तथास्तु

  • समझ से कमाओ तो एक्सपर्ट से गंवाओ
    22 May 2022

    निवेश करते वक्त अपना स्वतंत्र विवेक विकसित करना बहुत ज़रूरी है। अन्यथा, शेयर बाज़ार ही नहीं, हमारा समूचा वित्तीय बाज़ार ऐसे शिकारियों भरा पड़ा है जो कभी भी हमें निपटा सकते हैं। यहां का कोई भी एक्सपर्ट भरोसा करने लायक नहीं है। आपको याद होगा कि जब मार्च-अप्रैल 2020 के दौरान कोरोना की पहली लहर में शेयर बाज़ार ऐतिहासिक तलहटी पकड़ चुका था, तब तथाकथित बाज़ार ‘विशेषज्ञ’ कह रहे थे कि अभी तो कयामत आनी बाकी है […]

पेड सेवा

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क्या आप जानते हैं?

  • कोरोना काल का पहला मेगा स्कैम!

    जर्मन मूल की ग्लोबल ई-पेमेंट कंपनी वायरकार्ड ने बैंकिंग और इसके नजदीकी धंधों में अपने हाथ-पैर पूरी दुनिया में फैला रखे थे। फिर भी उसका कद ऐसा नहीं है कि इसी 25 जून को उसके दिवाला बोल देने से दुनिया के वित्तीय ढांचे पर 2008 जैसा खतरा मंडराने लगे। अलबत्ता, जिस तरह इस मामले में …

अपनों से अपनी बात

  • साल में 41-112%, मिले है सिर्फ यहां!

    भारतीय अर्थव्यवस्था बढ़ रही है और आगे भी बढ़ेगी। लेकिन कहा जा रहा है कि इसका लाभ आम आदमी को पूरा नहीं मिलता। अमीर-गरीब की खाईं बढ़ रही है। बाज़ार को आंख मूंदकर गालियां दी जा रही हैं। लेकिन बाज़ार सचेत लोगों के लिए आय और दौलत के सृजन ही नहीं, वितरण का काम भी …

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जानिए

  • ज़ीरो-सम गेम नहीं है यह
  • ईटीएफ: चलो बाजार खरीद लें
  • मायने आईपीओ ग्रेडिंग के
  • जवाब कमोडिटी बाजार के

बूझिए

  • ओपन ऑफर, बायबैक, डीलिस्टिंग
  • इश्यू मूल्य और बुक बिल्डिंग
  • गुत्थी ऋण बाजार की
  • यह कासा बला क्या है?

आज़माइए

  • मोटामोटी दस बातें शेयरों की
  • गोल्ड ईटीएफ एक, दाम अनेक
  • न करें कम एनएवी का लालच
  • फायदे म्यूचुअल फंड निवेश के

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कोरोना काल का पहला मेगा स्कैम!

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