शुक्रवार, 16 मार्च को संसद में बजट पेश हुआ और 17 मार्च से देश भर के सर्राफा कारोबारी हड़ताल पर चले गए। हड़ताल पूरे 21 दिनों तक जारी रही। शुक्रवार, 6 अप्रैल को वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के साथ मुलाकात में मिले आश्वासनों के बाद सर्राफा कारोबारियों ने हड़ताल तो तोड़ दी। लेकिन बाजार में रौनक अभी तक नहीं लौटी है। उनकी इस हालत पर बाबा नागार्जुन की एक कविता याद आती है कि, “बहुत दिनों तकऔरऔर भी

सरकार माल व सेवा कर (जीएसटी) को जल्दी से जल्दी लागू करने के लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रही है। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने बुधवार को राजधानी दिल्ली में आयोजित सीमा शुल्‍क और केन्‍द्रीय उत्‍पाद शुल्क विभाग के एक समारोह के दौरान यह बात कही। उनका कहना था कि जीएसटी देश के अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के इतिहास में सबसे अहम सुधार है। उद्योग व व्यापार जगत ही नहीं, तमाम अर्थशास्त्री व विशेषज्ञ मेंऔरऔर भी

सरकार ने सोना व चांदी के आयात का आधार मूल्य बढ़ा दिया है। मंगलवार को देर शाम जारी अधिसूचना के अनुसार सोने का आधार आयात मूल्य अब 5.7 फीसदी बढ़ाकर 556 डॉलर प्रति दस ग्राम और चांदी का आधार आयात मूल्य 12 फीसदी बढ़ाकर 1067 डॉलर प्रति किलोग्राम कर दिया गया है। बता दें कि आधार आयात मूल्य वह मूल्य पर होता है जिस पर सरकार टैक्स लगाती है। आयात इससे कम मूल्य पर भी किया जाए,औरऔर भी

इस समय पेट्रोल के मूल्य का 38.2% हिस्सा केंद्र व राज्य सरकारों के टैक्स का है। जैसे, दिल्ली में पेट्रोल का दाम 68.64 रुपए है जिसमें से 26.22 रुपए सरकारी टैक्सों के हैं। अभी अंतरराष्ट्रीय दाम के हिसाब से कंपनियों की तरफ से तय पेट्रोल का आधार मूल्य 41.38 रुपए है। इस पर 3% शिक्षा अधिभार को मिलाकर केंद्र को प्रति लीटर 14.78 रुपए की एक्साइज ड्यूटी मिलती है, जबकि दिल्ली सरकार को वैट के रूप मेंऔरऔर भी

अभी कुछ दिन पहले तक जो सरकार बढ़ती महंगाई के बीच राजनीतिक बवाल के डर से डीजल के मूल्यों को छेड़ने से डर रही थी, उसे विपक्ष ने ऐसा मौका दे दिया है कि वह बड़े उत्साह से इस पर मूल्य नियंत्रण उठाने की तैयारी में जुट गई है। इसका सबसे पहला वार उन लोगों पर होगा जो डीजल से चलनेवाली कारें इस्तेमाल करते हैं। लोकसभा में महंगाई पर चल रही बहस का जवाब देते हुए वित्तऔरऔर भी

निर्यात शुल्क बढने से भारत से लौह अयस्क का निर्यात चालू वित्त वर्ष 2011-12 में करीब 25 फीसदी घटकर नौ करोड़ टन रहने का अनुमान है। यह अनुमान खनन उद्योग ने लगाया है। सरकार ने अब लौह अयस्क पर निर्यात शुल्क बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया है। इसके अलावा इस साल निर्यातकों को कई और बाधाओं का सामना करना पड़ा है। लौह अयस्क का निर्यात कर्नाटक द्वारा निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने के कारण आठ माह सेऔरऔर भी

नए वित्त वर्ष 2011-12 के बजट की तैयारियां जोरों पर हैं। वित्त मंत्रालय के दफ्तर नॉर्थ ब्लॉक में इस समय पत्रकार-परिंदे तक पर नहीं मार सकते। बजट को इतना टॉप सीक्रेट मुख्यतः एक्साइज व कस्टम ड्यूटी जैसे अप्रत्यक्ष कर प्रस्तावों की वजह से रखा जाता है क्योंकि पता लगने पर व्यापार व उद्योग जगत इनका बेजा इस्तेमाल कर सकता है। आयकर या कॉरपोरेट कर जैसे प्रत्यक्ष करों या रक्षा, शिक्षा व ग्रामीण विकास जैसी मदों का आवंटनऔरऔर भी

चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में अप्रत्यक्ष कर संग्रह 44 फीसदी बढ़कर 1,50,686 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। अप्रत्यक्ष कर संग्रह में सीमा शुल्क (कस्टम), केन्द्रीय उत्पाद शुल्क (एक्साइज) और सेवा कर (सर्विस टैक्स) शामिल हैं। वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘‘अप्रैल-सितंबर 2010 में अप्रत्यक्ष कर संग्रह बढ़कर 1,50,686 करोड़ रुपये पर पहुंच गया जो बीते वित्त वर्ष की इसी अवधि में हुए कर संग्रह के मुकाबले 44.4 फीसदीऔरऔर भी

केंद्र ने बीते वित्त वर्ष 2009-10 में विभिन्न पेट्रोलियम उत्पादों पर कुल 28,789 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी, जबकि उसे इन पर विभिन्न टैक्सों से कुल 71,768 करोड़ रुपए मिले। 7755 करोड़ रुपए कस्टम ड्यूटी और 64,013 करोड़ रुपए सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी से। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के मुताबिक राज्यों के कुल राजस्व का 34 फीसदी हिस्सा पेट्रोलियम उत्पादों पर लगे टैक्स से आता है। सब्सिडी के बावजूद 2009-10 में सरकारी तेल कंपनियों की अंडर-रिकवरी 46,051 करोड़औरऔर भी

सरकार ने पेट्रोल का नया दाम निकाला तो कच्चे तेल की लागत 74.84 डॉलर (करीब 3517 रुपए) प्रति बैरल मानी थी। हर बैरल में 42 गैलन या 158.76 लीटर होते हैं। इस हिसाब से कच्चे तेल का प्रति लीटर मूल्य हुआ 22.15 रुपए। इस पर रिफाइनिंग लागत अधिक से अधिक 10% (2.15 रुपए) होती है। रिफाइनरी की पूंजी लागत के अंश व लाभ के लिए 6 रुपए और जोड़ दें तो पेट्रोल का दाम हुआ 30.30 रुपए/लीटर।औरऔर भी