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निफ्टी की दशा-दिशा: गुरुवार 1 जून 2023 शुरुआती रुख↓ सुबह 8.15 बजे

 

पिछला बंद कल का उच्चतम कल का न्यूनतम कल का बंद संभावित दायरा
18633.85 18603.90 18483.85 18534.40 18435-18585

 

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jeevan ka makasad

जीवन का मकसद

2023-03-17
By: अनिल रघुराज
On: March 17, 2023
In: ऋद्धि-सिद्धि

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shiksha v shanti

शिक्षा व शांति

2023-03-16
By: अनिल रघुराज
On: March 16, 2023
In: ऋद्धि-सिद्धि

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aaj ka daur

आज का दौर, बड़ा बेईमान!

2022-08-05
By: अनिल रघुराज
On: August 5, 2022
In: ऋद्धि-सिद्धि

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neta par dabav

नेता जब बने जनता का दुश्मन

2022-08-04
By: अनिल रघुराज
On: August 4, 2022
In: ऋद्धि-सिद्धि

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pretence of help

मदद का दिखावा

2019-11-25
By: अनिल रघुराज
On: November 25, 2019
In: ऋद्धि-सिद्धि

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canopy

प्रज्ञा बढ़े तो बूढ़े नहीं, बड़े

2019-06-09
By: अनिल रघुराज
On: June 9, 2019
In: ऋद्धि-सिद्धि

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incomplete yogi

अधूरा योग

2018-09-13
By: अनिल रघुराज
On: September 13, 2018
In: ऋद्धि-सिद्धि

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ephemeral

मिथ्या नहीं, अनित्य

2018-08-03
By: अनिल रघुराज
On: August 3, 2018
In: ऋद्धि-सिद्धि

   और भीऔर भी

sharpness of the truth

झूठ का आकार, सच की धार

2016-12-28
By: अनिल रघुराज
On: December 28, 2016
In: ऋद्धि-सिद्धि

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regulating hormones

हॉर्मोन्स का शमन

2015-05-23
By: अनिल रघुराज
On: May 23, 2015
In: ऋद्धि-सिद्धि

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निवेश – तथास्तु

  • बगैर पारदर्शिता निवेश अंधेरे में छलांग!
    28 May 2023

    शेयर बाज़ार जितना ही पारदर्शी, शेयरों के भावों की खोज उतनी ही सटीक। बाज़ार को पारदर्शी बनाना सरकार और पूंजी बाज़ार की नियामक संस्था, सेबी का दायित्व है, हमारा नहीं। हम जैसे आम निवेशक यहां आंदोलन करने नहीं आए। हमें तो कायदे के निवेश से काम भर का मुनाफा कमाकर संकरी गली से निकल लेना है। फिर भी सवाल तो उठता ही है कि तीन साल में अडाणी ग्रीन का शेयर 5000% से ज्यादा बढ़कर 55 से […]

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क्या आप जानते हैं?

  • अमृतकाल है या विश्वास का संकटकाल

    दुनिया पर भले ही नई आर्थिक मंदी का संकट मंडरा रहा हो। लेकिन हमारा देश इंडिया यानी भारत इस वक्त भयंकर ही नहीं, भयावह विश्वास के संकट के दौर से गुजर रहा है। प्रधानमंत्री झूठ बोलते हैं। समूची सरकार और उसमें बैठी पार्टी के आला नेता झूठ बोलते हैं। सरकार का हर मंत्री झूठ बोलता …

अपनों से अपनी बात

  • साल में 41-112%, मिले है सिर्फ यहां!

    भारतीय अर्थव्यवस्था बढ़ रही है और आगे भी बढ़ेगी। लेकिन कहा जा रहा है कि इसका लाभ आम आदमी को पूरा नहीं मिलता। अमीर-गरीब की खाईं बढ़ रही है। बाज़ार को आंख मूंदकर गालियां दी जा रही हैं। लेकिन बाज़ार सचेत लोगों के लिए आय और दौलत के सृजन ही नहीं, वितरण का काम भी …

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जानिए

  • ज़ीरो-सम गेम नहीं है यह
  • ईटीएफ: चलो बाजार खरीद लें
  • मायने आईपीओ ग्रेडिंग के
  • जवाब कमोडिटी बाजार के

बूझिए

  • ओपन ऑफर, बायबैक, डीलिस्टिंग
  • इश्यू मूल्य और बुक बिल्डिंग
  • गुत्थी ऋण बाजार की
  • यह कासा बला क्या है?

आज़माइए

  • मोटामोटी दस बातें शेयरों की
  • गोल्ड ईटीएफ एक, दाम अनेक
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  • फायदे म्यूचुअल फंड निवेश के

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