कृतज्ञता 2012-04-18 By: अनिल रघुराज On: April 18, 2012 In: ऋद्धि-सिद्धि इस दुनिया में हम अकेले ही आए हैं और अकेले ही जाएंगे। हमें जो भी करना है, अकेले ही करना है। इसमें घर-परिवार, दोस्त या समाज का कोई अन्य सदस्य योगदान करता है तो यह उसकी मेहरबानी है। हमें इसके लिए उसका कृतज्ञ होना चाहिए।और भीऔर भी