विश्व अर्थव्यवस्था में एशिया की स्थिति 16वीं व 17वीं सदी जैसी होने जा रही है। तब विश्व अर्थव्यवस्था में एशिया का योगदान 60 फीसदी के आसपास था। एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने अब भारत, चीन और जापान के बीच आर्थिक सहयोग में मजबूती की उम्मीद करते हुए अनुमान जताया है कि वर्ष 2050 तक दुनिया के जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में एशिया का योगदान 50 फीसदी से अधिक हो जाएगा। एडीबी ने कहा कि बेहतर परिदृश्य मेंऔरऔर भी

स्टील बनाने का मुख्य कच्चा माल आइरन ओर है। लेकिन देश में स्टील का उत्पादन मांग से कम होने के बावजूद हम आइरन ओर का जमकर निर्यात करते हैं। यहां तक कि भारत दुनिया में आइरन ओर का तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश है। इस्पात मंत्रालय की तरफ से दी गई अद्यतन जानकारी के अनुसार अप्रैल-दिसम्‍बर 2010 के दौरान देश में 464.40 लाख टन स्टील घरेलू इस्‍तेमाल के लिए उपलब्‍ध था, जबकि इसकी मांग 518 लाख टनऔरऔर भी

ब्रिक देश (ब्राजील, रूस, भारत, चीन) अब उभरते बाजार नहीं रह गए हैं बल्कि विश्व अर्थव्यवस्था के लिये ‘वृद्धि बाजार’ बन गए हैं। अमेरिकी निवेश बैंक गोल्डमैन शैक्स के चेयरमैन (संपत्ति प्रबंधन) जिम ओ नील ने बीजिंग में यह बात कही है। दस साल पहले जिम ओ नील ने ही इन देशों के लिए उभरता बाजार शब्द का उपयोग किया था। ब्रिक्स शिखर बैठक से पूर्व ओ नील ने चाइना डेली को दिए गए साक्षात्कार में कहा,औरऔर भी

वैश्विक स्तर पर जारी अनिश्चितता से आर्थिक वृद्धि के परंपरागत स्रोतों पर दबाव बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ममनमोहन सिंह ने इस बढ़ते दबाव को लेकर सतर्क करते हुए कहा है कि पांच देशों के संगठन ब्रिक्स को विकास के प्रमुख क्षेत्रों में समन्वय करना जरूरी है और यह सारी दुनिया के लिए लाभकारी होगा। बता दें कि ब्रिक्स देशों में शामिल पांच देश हैं – ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका। इन पांचों देशों की अर्थव्यवस्थाऔरऔर भी

भारत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के मामले में चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे आकर्षक गंतव्य बना हुआ है। जानीमी निवेश फर्म नोमुरा इंडिया ने कहा है कि देश में एफडीआई में जो गिरावट आई है, वह अस्थाई है और 2012 के शुरू में यहां विदेशी निवेश का स्तर एक बार फिर संकट से पहले की स्थिति में पहुंच जाएगा। बीते वित्त वर्ष 2010-11 में अप्रैल से जनवरी के दौरान साल दर साल आधार पर भारतऔरऔर भी

चीन सरकार ने अमेरिकी सर्च इंजिन गूगल और उसकी तीन संबद्ध कंपनियों पर कर चोरी का आरोप लगाया है। अमेरिकी कंपनी ने हाल ही में चीन सरकार पर अपनी सेवा ब्लॉक करने का आरोप लगाया था। चीनी कर अधिकारियों के हवाले से सरकारी मीडिया इकनॉमिक डेली में गुरुवार को छपी रिपोर्ट के मुताबिक गूगल से संबद्ध तीन कंपनियां गलत बिल और बही खाते में हेरफेर करती पाई गई हैं। साथ ही 4 करोड़ युआन (60.6 करोड़ अमेरिकीऔरऔर भी

चीन का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 2010 में विश्व के कुल जीडीपी का 9.5 फीसदी था और वह इस मामले में दूसरे नंबर पर रहा। लेकिन प्रति व्यक्ति आय के मामले में वह दुनिया के 124 देशों से पीछे है। नेशनल ब्यूरो आफ स्टैटिक्स (एनबीएस) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक जीडीपी के मामले में 2005 में विश्व के अन्य देशों के मुकाबले चीन जहां पांचवें स्थान पर था, वहीं 2010 में वह दूसरे स्थान पर आ गया।औरऔर भी

भारत दौर पर आए दुनिया के तीसरे सबसे बड़े अमीर और निवेश के महारथी वॉरेन बफेट ने कहा है कि उनकी भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर में कोई दिलचस्पी नहीं है। बता दें कि भारत का ऑटो बाजार दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में शुमार है। चालू वित्त वर्ष 2011-12 के अंत तक भारत दुनिया में कारों का छठा सबसे बड़ा बाजार बन जाएगा। 80 साल के वॉरेन बफेट ने बुधवार को प्रमुख बिजनेस चैनल सीएनबीसीऔरऔर भी

चीन के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उसने आनुवांशिक रूप से संवर्धित 200 गायों का एक समूह तैयार किया है, जिनके जरिये इंसानों के दूध से मिलते-जुलते दूध का उत्पादन किया जा सकेगा। सरकारी समाचार पत्र ‘चाइना डेली’ के मुताबिक इन गायों के दूध से बनी खाने-पीने की वस्तुएं अगले दो साल में चीन के बाजारों में ब्रिकी के लिए पेश कर दी जाएंगी। चीन कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने इस तरह की गायों का एकऔरऔर भी

कई सालों की मशक्कत के बाद नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन (एनपीसीआई) ने प्रस्तावित विशिष्ट इंडिया कार्ड को अंतिम रूप दे दिया है जो व्यावसायिक रूप से लांच किए जाने के बाद वीजा व मास्टरकार्ड जैसी तुरंत भुगतान फर्मों की जगह लेगा। एनपीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट को बताया कि प्रस्तावित कार्ड का नाम Rupay (रूपे) होगा। कंपनी की बोर्ड बैठक में इसके लोगो को भी अंतिम रूप दे दिया गया है। उल्लेखनीय हैऔरऔर भी