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बजट में का बा? बनाने को बढ़ाया नहीं, घटाया, दिखाया दो लाख करोड़ ज्यादा

2022-02-02
By: अनिल रघुराज
On: February 2, 2022
In: अर्थव्यवस्था, नवा-जूनी, बजट

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का चौथा बजट। सरकार द्वारा घोषित ‘अमृत काल’ के 25 साल का पहला बजट। साल 2022 का बजट। यहां से गिनेंगे तो वर्ष 2047 में भारत की आज़ादी को 100 साल हो जाएंगे। बजट भाषण में वित्त मंत्री ने इस बार इसी India@100 का सपना दिखाया है। उन्होंने भांति-भांति की योजनाएं गिनाने के बाद दावा किया कि सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश के जरिए देश की आर्थिक विकास को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।औरऔर भी

सोने ने किया देश व रुपए का बेड़ा गरक, बढ़ाया चालू खाते का घाटा

2011-12-20
By: अनिल रघुराज
On: December 20, 2011
In: अर्थव्यवस्था, नवा-जूनी, बजट

एक तरफ रूपए और अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए बाहर से डॉलर लाने की मशक्कत जारी है। दूसरी तरफ हम भारतीयों की सोने की भूख सारे किए धरे पर पानी फेर दे रही है। फिलहाल 16 दिसंबर से 14 जनवरी तक खरमास के कारण देश में सोने की खरीद थमी पड़ी है। लेकिन सोने की मादकता ने देश के खजाने पर भयंकर दबाव बना रखा है। वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक अप्रैल से नवंबर 2011 तक के आठऔरऔर भी

व्यापार घाटा वैश्विक संकट के दौर से ज्यादा

2010-09-15
By: अनिल रघुराज
On: September 15, 2010
In: अर्थव्यवस्था, गौरतलब, बजट

अगस्त महीने में देश का व्यापार घाटा 13.06 अरब डॉलर रहा है। यह अक्टूबर 2008 में वैश्विक आर्थिक संकट शुरू के बाद से अब तक का सबसे बड़ा घाटा है। इससे 23 महीने पहले सितंबर 2008 में हमारा व्यापार घाटा 15.35 अरब डॉलर रहा था। वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक अगस्त 2010 में देश से कुल 16.64 अरब डॉलर का निर्यात हुआ है जो अगस्त 2009 की तुलना में 22.5 फीसदीऔरऔर भी

निवेश – तथास्तु

  • समझ से कमाओ तो एक्सपर्ट से गंवाओ
    22 May 2022

    निवेश करते वक्त अपना स्वतंत्र विवेक विकसित करना बहुत ज़रूरी है। अन्यथा, शेयर बाज़ार ही नहीं, हमारा समूचा वित्तीय बाज़ार ऐसे शिकारियों भरा पड़ा है जो कभी भी हमें निपटा सकते हैं। यहां का कोई भी एक्सपर्ट भरोसा करने लायक नहीं है। आपको याद होगा कि जब मार्च-अप्रैल 2020 के दौरान कोरोना की पहली लहर में शेयर बाज़ार ऐतिहासिक तलहटी पकड़ चुका था, तब तथाकथित बाज़ार ‘विशेषज्ञ’ कह रहे थे कि अभी तो कयामत आनी बाकी है […]

पेड सेवा

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क्या आप जानते हैं?

  • कोरोना काल का पहला मेगा स्कैम!

    जर्मन मूल की ग्लोबल ई-पेमेंट कंपनी वायरकार्ड ने बैंकिंग और इसके नजदीकी धंधों में अपने हाथ-पैर पूरी दुनिया में फैला रखे थे। फिर भी उसका कद ऐसा नहीं है कि इसी 25 जून को उसके दिवाला बोल देने से दुनिया के वित्तीय ढांचे पर 2008 जैसा खतरा मंडराने लगे। अलबत्ता, जिस तरह इस मामले में …

अपनों से अपनी बात

  • साल में 41-112%, मिले है सिर्फ यहां!

    भारतीय अर्थव्यवस्था बढ़ रही है और आगे भी बढ़ेगी। लेकिन कहा जा रहा है कि इसका लाभ आम आदमी को पूरा नहीं मिलता। अमीर-गरीब की खाईं बढ़ रही है। बाज़ार को आंख मूंदकर गालियां दी जा रही हैं। लेकिन बाज़ार सचेत लोगों के लिए आय और दौलत के सृजन ही नहीं, वितरण का काम भी …

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जानिए

  • ज़ीरो-सम गेम नहीं है यह
  • ईटीएफ: चलो बाजार खरीद लें
  • मायने आईपीओ ग्रेडिंग के
  • जवाब कमोडिटी बाजार के

बूझिए

  • ओपन ऑफर, बायबैक, डीलिस्टिंग
  • इश्यू मूल्य और बुक बिल्डिंग
  • गुत्थी ऋण बाजार की
  • यह कासा बला क्या है?

आज़माइए

  • मोटामोटी दस बातें शेयरों की
  • गोल्ड ईटीएफ एक, दाम अनेक
  • न करें कम एनएवी का लालच
  • फायदे म्यूचुअल फंड निवेश के

क्या आप जानते हैं?

कोरोना काल का पहला मेगा स्कैम!

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