कंपनियां भी इंसान ही चलाते हैं, कोई भगवान नहीं। हर कंपनी के पीछे प्रवर्तक और उनका बनाया प्रबंधन होता है। हमें उसी कंपनी में पूंजी लगानी चाहिए जिसका कामकाज पारदर्शी हो, प्रबंधन ईमानदार हो और उसे पूंजी का सही नियोजन आता हो। जिस कंपनी के प्रवर्तकों ने अपने शेयरों का कुछ हिस्सा गिरवी रख रखा हो, उससे दूर रहना चाहिए क्योंकि गिरते बाज़ार की भंवर इन्हें डुबा देती है। इस हफ्ते बायोफार्मा सेगमेंट की सबसे दबंग कंपनी…औरऔर भी

ठीक आज की तारीख को साल भर पहले इसी कॉलम में हमने नैटको फार्मा में निवेश की सलाह दी थी। तब उसका शेयर 340 रुपए चल रहा था। इसके बाद 20 दिसंबर 2012 को वो 505 रुपए तक चला गया और अभी 430 रुपए चल रहा है। इतना नीचे आने के बाद भी 26.47 फीसदी का रिटर्न। यह है शेयर बाज़ार में अच्छी कंपनियों में निवेश का फायदा। इसे कहते हैं कंपनी के बढ़ने के साथ निवेशऔरऔर भी

एक तरफ दुनिया भर में परमाणु बिजली संयंत्रों से तौबा की जा रही है, इसके विकिरण से होनोवाली घातक बीमारियों के बारे में सचेत किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर भारत में परमाणु बिजली संयंत्र के विरोध को शांत करने के लिए लोगों को अचेत किया जा रहा है। केंद्र सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग ने दावा किया है कि परमाणु बिजली घरों में काम करने वाले लोगों को कोई बीमारी, खासतौर से कैंसर होने काऔरऔर भी

बाजार में 11 बजे से 12.45 बजे तक का विशेष ट्रेडिंग सत्र। पौने दो घंटे का कारोबार। बाजार लगभग सपाट। निफ्टी व सेंसेक्स में मामूली गिरावट। लेकिन फर्टिलाइजर कंपनियों के शेयर सब्सिडी की खबर के चलते उछल गए। लेकिन उनकी यह उठान समय के साथ थम जाएगी। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में हमने पिछले हफ्ते के शुरू में ही खरीद की सलाह दी थी और हमने जो कहा था, उसे हासिल कर लिया है। शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफऔरऔर भी

बहुराष्ट्रीय कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन के बेबी शैम्पू का वो विज्ञापन आपको जरूर याद होगा कि जिसमें बच्चे के सिर से शैम्पू के झाग को नीचे बहते दिखाया गया है। लेकिन अमेरिकी शहर न्यूजर्सी में एक अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य गठबंधन व पर्यावरण समूह ने दावा किया है कि जॉनसन एंड जॉनसन के बेबी शैम्पू में बच्चों के लिए नुकसानदेह समझे जानेवाले दो रसायन मौजूद हैं। फिर भी कंपनी इस शैम्पू को अमेरिका और कुछ अन्य देशों में बेधड़कऔरऔर भी

कैंसर की एक दवा सेतुक्सिमैब का अध्ययन कर रहे वैज्ञानिकों ने पाया है कि कैंसर कोशिकाएं इलाज से बचने के लिए उन्हें चकमा देती हैं और राह बदल लेती हैं। ये कोशिकाएं ट्रैफिक जाम में फंसी कारों की तरह व्यवहार करती हैं। जब एक रास्ता बंद हो जाता है तो वे वैकल्पिक रास्ता तलाश लेती हैं और उनका बढ़ना बदस्तूर जारी रहता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस नई खोज से ट्यूमर में दवा प्रतिरोध कोऔरऔर भी

जल्दी ही कैंसर की एक सार्वभौमिक दवा तैयार होगी जिसके बारे में वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि वह सभी तरह के कैंसर को वह बीच में ही रोक देगी। वैज्ञानिकों के अनुसार यह दवा की नयी पीढ़ी का हिस्सा है। वो अग्नाशय, प्रोस्टेट और स्तन जैसे कैंसरों के खिलाफ शरीर की अपनी रक्षा प्रणाली का इस्तेमाल करती है। वैज्ञानिकों के अनुसार दो साल में यह दवा बाजार में आ जाएगी। हालांकि टीके भी इस बीमारी कोऔरऔर भी