ठीक आज की तारीख को साल भर पहले इसी कॉलम में हमने नैटको फार्मा में निवेश की सलाह दी थी। तब उसका शेयर 340 रुपए चल रहा था। इसके बाद 20 दिसंबर 2012 को वो 505 रुपए तक चला गया और अभी 430 रुपए चल रहा है। इतना नीचे आने के बाद भी 26.47 फीसदी का रिटर्न। यह है शेयर बाज़ार में अच्छी कंपनियों में निवेश का फायदा। इसे कहते हैं कंपनी के बढ़ने के साथ निवेश का बढ़ना। इतना पक्का फायदा आपको निवेश का कोई भी माध्यम निरंतर नहीं दे सकता। सोने और प्रॉपर्टी की चमक कब फीकी पड़ जाए, कोई भरोसा नहीं। लेकिन अच्छे प्रबंधन और संभावनामय धंधे में लगी कंपनी पचास से सौ साल जब तक है, बराबर आपको लाभांश के साथ शेयरों के मूल्य के बढ़ने का फायदा देती रहेगी।
ऐसी बहुतेरी कंपनियां हैं जिन्हें अर्थकाम ने बड़ी मेहनत से छांटकर आपके पेश किया था और उनके भाव बड़े आराम से औसतन 15-20 सालाना की दर से बढ़े हैं। कुछ विघ्नसंतोषी लोग भले ही दो-चार कंपनियां ऐसी निकालकर दिखा सकते हैं जिनमें भारी घाटा लगा है। लेकिन मित्रों! आप यकीन मानिए कि वो कुछ नामी ‘खिलाड़ियों’ के झांसे में आने का नतीजा था। कभी यह खिलाड़ी आईसीआईसीआई सिक्यूरिटीज़ जैसा ब्रोकरेज हाउस था, कभी क्रिसिल जैसी रेटिंग एजेंसी और कभी शुद्ध रिसर्च से जुड़ी कोई लिस्टेड कंपनी। मैंने जब भी अपने विवेक और आकलन से शेयर चुने हैं, न जाने किसके प्रताप से उसमें धोखा नहीं हुआ है।
अपने मुंह मियां मिठ्ठू बनना मुझे कतई अच्छा नहीं लगता। लेकिन जब सारे लोग या तो अपनी-अपनी उलझनों में डूबे हों या बाज़ार के सम्मोहन के शिकार हों, तब गाल से लेकर ढोल तक बजाना जरूरी हो जाता है। मार्केटिंग ज़रूरी हो जाती है। इसलिए नहीं कि आपको अपना जैसा-तैसा माल लोगों के गले मंढ़ना है, बल्कि इसलिए कि शोर के बीच सच को सामने लाना जरूरी है। कितनी अजीब बात है कि सत्यमेव जयते के इस देश में आज सच को भी मार्केटिंग की जरूरत पड़ गई है।
खैर, नैटको फार्मा में अब भी चार-पांच साल के निवेश की गुंजाइश है। आप जानते ही होंगे कि नैटको फार्मा प्रमुख दवा कंपनी है और उसका दायरा देश के बाहर तक फैला है। कैंसर की दवा पर वह दिग्गजों से बाज़ी मार चुकी है। उसका दस रुपए का शेयर गुरुवार को बीएसई में 429.05 रुपए और एनएसई में 429 रुपए पर बंद हुआ है। अगले चार-पांच साल में यह 750 रुपए तक पहुंच सकता है। इसतरह इसमें औसतन करीब 15 फीसदी सालाना चक्रवृद्धि रिटर्न की गुंजाइश है। वैसे, कुछ दिनों में यह घटकर 395 रुपए तक आ जाए, तब इसे खरीदना बेहतर रहेगा।
नैटको फार्मा (बीएसई – 524816, एनएसई – NATCOPHARM)
गुरु का बंद भाव | 52 हफ्ते का उच्चतम | 52 हफ्ते का न्यूनतम | भावी उम्मीद | चार साल का अपेक्षित रिटर्न |
429.05 रुपए | 505.20 रुपए | 330 रुपए | 750 रुपए | +75% |
(भाव बीएसई के)
पूरे बाज़ार की बात करें तो इधर वहां का अनकहा नियम बन गया है कि वह दो बजे के बाद अपनी दिशा बदल लेता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ऑपरेटर उसी वक्त अपना शिकंजा कसना शुरू करते हैं। इस हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन, गुरुवार को भी यही हुआ। उम्मीद के मुताबिक वे मार्च के डेरिवेटिव सेटलमेंट में निफ्टी को खींचकर 5665 के ऊपर ले गए। हालांकि इस बार जिस तरह निफ्टी में अपेक्षाकृत कम रोलओवर हुआ है, उससे यही लगता है कि आगे हाल-फिलहाल बाज़ार को लेकर निवेशकों में बहुत आशावाद नहीं है। गुरुवार को एफआईआई की शुद्ध खरीद 573.87 करोड़ रुपए और डीआईआई की शुद्ध बिक्री 346.12 करोड़ रुपए की रही। लेकिन आगे एफआईआई की खरीद में सुस्ती आने का अंदेशा है।
निफ्टी की गति
पिछला बंद | गुरु का उच्चतम | गुरु का न्यूनतम | गुरु का बंद | समर्थन/बाधा |
5641.60 | 5692.55 | 5604.85 | 5682.55 | 5640/5720 |
आखिर में बस इतना कहना है कि इस कॉलम को अब हम पेड बनाने जा रहे हैं। हफ्ते में पांच दिन या जितने भी दिन बाज़ार खुला रहेगा, उतने दिन सुबह नौ बजे से पहले ट्रेडिंग की टिप्स जो पांच से पंद्रह दिन या तीन महीने तक की होंगी। [इंट्रा-डे से हम दूर ही रहेंगे]। इसके अलावा शनिवार/रविवार को पहले की तरह लंबे निवेश की सलाह। इस सेवा के लिए आपको अलग से रजिस्टर करना होगा। 15 अप्रैल तक इसका ट्रायल-रन है। तब तक इसे लॉग-इन के बाद आप मुफ्त में देख सकेंगे। इस दौरान आपको यह सेवा काम की लगे तो सब्सक्राइब कर सकते हैं। सब्सक्राइब न करने पर इसे आप बाद में नहीं देख पाएंगे। एक महीने का सब्सक्रिप्शन 1100 रुपए है। तीन महीने, छह महीने और साल भर का सब्सक्रिप्शन क्रमशः 3000, 5000 और 10,000 रुपए रखा गया है।
डिस्क्लेमर: शेयर बाजार के निवेश में सबसे ज्यादा रिस्क है। इसलिए निवेश का फैसला काफी सोच-विचार और रिसर्च के बाद ही करें। आपके निवेश के लिए हम किसी भी रूप में जिम्मेदार नहीं होंगे।