मछली को पकड़ने चलो और वो हाथ से सरक कर भाग जाए। कुछ ऐसा ही हाल ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज का है। इसका शेयर 10 मई 2011 को 324 रुपए का न्यूनतम स्तर पकड़ने के बाद परसों 13 जून तक 37.56 फीसदी बढ़कर 445.70 रुपए चुका था। जैसे ही इसे पकड़ने का ख्याल दिमाग में आया कि कल यह फिर 5.42 फीसदी उछलकर 469.85 रुपए पर जा पहुंचा। इस तरह 10 मई से 13 जून के बीच यह शेयरऔरऔर भी

यह खबर का ही प्रताप है कि कल जब बाजार एकदम फ्लैट रहा, तब भी अतुल ऑटो का शेयर 6.45 फीसदी बढ़कर बंद हुआ। हालांकि दिन में यह 7.91 फीसदी तक बढ़कर 133.05 रुपए पर पहुंच गया था। लेकिन बंद हुआ 131.25 रुपए पर। यह भी अजब संयोग है कि ठीक साल भर पहले आज ही के दिन 14 जून 2010 को अतुल ऑटो का शेयर अपने न्यूनतम स्तर 70.05 रुपए पर था। मान लें कि किसीऔरऔर भी

साल के साथ साल का संयोग देखने में बना मजा आता है। ठीक साल भर पहले 3 जून 2010 को बैद ग्लोबल वेंचर्स का शेयर 45.70 रुपए पर 52 हफ्ते की तलहटी पकड़े हुए था। अब 186.85 रुपए पर है। इस साल भर के दौरान कंपनी में बहुत कुछ बदल चुका है। पहले इसका मालिक कोई और था, अब कोई और है। पहले इसका नाम लिविंग रूम लाइफस्टाइल लिमिटेड था, फिर चिसेल एंड हैमर (मोबेल) लिमिटेड हुआऔरऔर भी

महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज या छोटे में कहें तो महिंद्रा फाइनेंस का फोकस ग्रामीण व अर्धशहरी इलाकों पर है। वह बैंकों और माइक्रो फाइनेंस संस्थाओं के बीच की चीज है। नई-पुरानी ट्रक, जीप, ट्रैक्टर, मोटरसाइकिल व कार के लिए लोन से लेकर घर बनाने और शादी, इलाज व बच्चों की पढ़ाई के लिए भी कर्ज देती है। गावों के करीब 10 लाख लोगों को अपना ग्राहक बना चुकी है। कंपनी की कई सब्सिडियरी इकाइयां भी हैं।औरऔर भी

किसी चीज का दाम जस का तस रहे तो उसी स्तर पर वह महंगी से सस्ती कैसे हो सकती है? लेकिन शेयर बाजार में ऐसा खूब होता है। जैसे, पिरामल ग्लास के शेयर का औसत भाव इस साल जनवरी में 89.95, फरवरी में 93.50, मार्च में 112.90 और अप्रैल में 129..40 रुपए था। लेकिन यह महंगा था क्योंकि इसका पी/ई अनुपात इस दौरान क्रमशः 42.81, 44.50, 53.73 और 61.58 था। यह गणना हर माह ठीक पिछले बारहऔरऔर भी

जूपिटर बायोसाइंसेज दवा उद्योग व बायोटेक्नोलॉजी से जुड़ी 1985 में बनी कंपनी है। बहुत कुछ नायाब बनाती है। लगातार बढ़ रही है। अधिग्रहण भी करती है। हाथ भी मिलाती है। 2006 में हैदराबाद की कंपनी का अधिग्रहण किया तो 2008 में स्विटजरलैंड की एक उत्पादन इकाई खरीद डाली। 2007 में रैनबैक्सी के साथ रणनीतिक गठजोड़ किया। इस मायने में भी यह बड़ी विचित्र कंपनी है कि इसकी 62.43 करोड़ रुपए की इक्विटी में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी मात्रऔरऔर भी

व्हर्लपूल ऑफ इंडिया का शेयर पिछले एक महीने में 18.87 फीसदी बढ़ा है। 21 मार्च को यह 243 रुपए था और 21 अप्रैल को 288.85 रुपए पर बंद हुआ है। साल भर पहले 22 अप्रैल 2010 को यह 172.55 रुपए पर था। उससे पहले 8 फरवरी 2010 को यह इससे भी नीचे 128 रुपए था। असल में यह शेयर 9 सितंबर 2010 को 338.50 रुपए का उच्चतम स्तर हासिल करने के बाद 2 फरवरी 2011 तक बराबरऔरऔर भी

एवेरॉन एजुकेशन का शेयर पिछले सात महीनों से कमोबेश एक ही स्तर अटका हुआ है। 17 सितंबर 2010 को 692.50 रुपए पर था। कल 18 अप्रैल 2011 को इसका बंद भाव 681.95 रुपए रहा है। हालांकि इस दौरान यह 7 अक्टूबर 2010 को 756.45 रुपए पर 52 हफ्ते का शिखर बना चुका है। लेकिन अब एक बार फिर इस शेयर में उठान का माहौल बन गया है। उसने कल ही भारत सरकार द्वारा गठित संस्थान नेशनल स्किलऔरऔर भी

एमसीएक्स और एमसीएक्स एसएक्स की प्रवर्तक कंपनी फाइनेंशियल टेक्नोलॉजीज में एक तरंग-सी उड़ी है। इसके बारे में एक साथ कई सकारात्मक खबरें आ रही हैं। उसका शेयर कल बीएसई (कोड – 526881) में 2.85% बढ़कर 857.95 रुपए और एनएसई (कोड – FINANTECH) में 2.50% बढ़कर 856.55 रुपए पर बंद हुआ है। बीएसई व एनएसई में इसमें क्रमशः 2.19 लाख व 3.44 लाख शेयरों के सौदे हुए। हालांकि ए ग्रुप के इस शेयर में डिलीवरी वाले सौदों काऔरऔर भी

जिस तरह इंसान का हर वक्त एक जैसा नहीं होता, उसी तरह कंपनियों के साथ भी ऊंच-नीच चलती रहती है। सबेरो ऑर्गेनिक्स गुजरात लिमिटेड की दिसंबर तिमाही कतई अच्छी नहीं रही। उसकी बिक्री 109.41 करोड़ से 15.11 फीसदी घटकर 92.87 करोड़ और शुद्ध लाभ 10.25 करोड़ से 89.85 फीसदी घटकर 1.04 करोड़ रुपए रह गया। कंपनी ने ये नतीजे 14 फरवरी को घोषित किए थे। उसके बाद से इसका शेयर (बीएसई – 524446, एनएसई – SABERORGAN) 45.70औरऔर भी