किसी चीज का दाम जस का तस रहे तो उसी स्तर पर वह महंगी से सस्ती कैसे हो सकती है? लेकिन शेयर बाजार में ऐसा खूब होता है। जैसे, पिरामल ग्लास के शेयर का औसत भाव इस साल जनवरी में 89.95, फरवरी में 93.50, मार्च में 112.90 और अप्रैल में 129..40 रुपए था। लेकिन यह महंगा था क्योंकि इसका पी/ई अनुपात इस दौरान क्रमशः 42.81, 44.50, 53.73 और 61.58 था। यह गणना हर माह ठीक पिछले बारह महीनों (टीटीएम) के ईपीएस (प्रति शेयर मुनाफा) के आधार पर की गई है।
अभी बीते शुक्रवार, 6 मई को पिरामल ग्लास का शेयर बीएसई (कोड – 532949) में 131.70 रुपए और एनएसई (कोड – PIRGLASS) में 131.80 रुपए पर बंद हुआ है। लेकिन पिछले चार महीनों से ज्यादा होने के बावजूद यह सस्ता है। कारण, इसी 28 अप्रैल को घोषित सालाना नतीजों के अनुसार वित्त वर्ष 2010-11 में अकेले आधार पर उसका ईपीएस 8.53 रुपए और समेकित आधार पर 11.57 रुपए रहा है। इससे पिछले वित्त वर्ष 2009-10 में यह क्रमशः 2.99 रुपए और 84 पैसे था।
जिन निवेशकों या ट्रेडरों को कंपनी की इस बढ़त का अंदाजा रहा होगा और उन्होंने इसके शेयर में फरवरी के दौरान हासिल न्यूनतम मूल्य 79.15 रुपए (9 फरवरी 2011) के आसपास निवेश किया होगा, आज वो बल्ले कर रहे होंगे। लेकिन सच कहा जाए तो इस समय भी इस कंपनी में निवेश करना फायदे का सौदा साबित होगा। अकेले नतीजों को आधार बनाएं तो उसका शेयर अभी 15.44 और समेकित नतीजों को आधार बनाएं तो 11.3 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है।
कंपनी लगातार अपने कामकाज में सुधार कर रही है। मार्च 2010 की तिमाही में उसका परिचालन लाभ मार्जिन (ओपीएम) 18.32 फीसदी था। इस साल मार्च 2011 की तिमाही में उसका ओपीएम 30.29 फीसदी हो गया है। मार्च 2011 की तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ साल भर पहले की तुलना में 534.35 फीसदी बढ़ा है। पहले 3.61 करोड़ रुपए था। अब 22.90 करोड़ रुपए हो गया है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2010-11 के लिए 10 रुपए अंकित मूल्य के शेयर पर 3.50 रुपए (35 फीसदी) लाभांश घोषित किया है। पिछले साल यह 1 रुपए या 10 फीसदी था।
कंपनी के सालाना नतीजों की घोषणा के चार दिन पहले 24 अप्रैल को चक्री ने हमें अपने कॉलम में बताया था, “इधर ग्लास कंपनियों में एचएनआई (हाई नेटवर्थ इंडीविजुअल) निवेशकों की भारी खरीद देखी जा रही है। पिरामल ग्लास, असाही ग्लास व बोरोसिल सबकी नजरों में चढ़ चुके हैं, जबकि सेंट गोबैन में भी आकर्षण दिख रहा है। इस उद्योग की तमाम कंपनियों ने क्षमता विस्तार की घोषणाएं की हैं। हमारा मानना है कि अगले दो-तीन सालों में यह सेक्टर चौंकानेवाला रिटर्न दे सकता है।”
हालांकि पिरामल ग्लास के शेयर में उसके बाद से बहुत चमक नहीं देखी गई। 25 अप्रैल को यह 128.80 रुपर पर बंद हुआ। 27 अप्रैल को नतीजों की घोषणा के एक दिन पहले 132.35 रुपए पर बंद हुआ। 28 अप्रैल को जबरदस्त नतीजों की घोषणा के बावजूद घटकर 129.50 पर आ गया और करीब दस दिन बाद अभी 131.70 रुपए पर है। लगता यही है यह स्मॉल कैप श्रेणी में आनेवाला यह स्टॉक टेक-ऑफ के पहले फिलहाल खुद को जमा रहा है। इसमें दो साल के नजरिए से इस समय निवेश करना सुरक्षित व लाभकारी रहेगा।
कंपनी भारत ही नहीं, अमेरिका व श्रीलंका में भी सक्रिय है। घरेलू धंधा ज्यादा चौकस है। इसका संकेत इस बात से मिलता है कि मार्च 2011 की तिमाही में जहां अकेले आधार पर उसका शुद्ध लाभ 534 फीसदी बढ़ा है, वहीं समेकित आधार पर यह वृद्धि 200 फीसदी ही रही है। लेकिन कंपनी श्रीलंका व अमेरिका के कामकाज को और दुरुस्त कर रही है। साथ ही क्षमता विस्तार पर वह 100 करोड़ रुपए का पूंजी निवेश कर रही है।
नोट करने की बात है कि उसका बाजार पूंजीकरण 1059 करोड़ रुपए है, जबकि बीते वित्त वर्ष 2010-11 में उसकी समेकित बिक्री इससे ज्यादा 1240 करोड़ रुपए रही है। इस तरह बाजार पूंजीकरण व बिक्री का अनुपात एक से कम है जो इस स्टॉक की मूलभूत मजबूती को दिखाता है। जानकारों का यह भी आकलन है कि कंपनी का ईपीएस चालू वित्त वर्ष 2011-12 में 16 से 18 रुपए रह सकता है। अगर 12 का भी पी/ई लेते हैं तो यह शेयर साल भर में आराम से 200 रुपए तक जा सकता है। यानी, इसमें 50 फीसदी रिटर्न की गुंजाइश है।
स्वाति पिरामल की इस कंपनी की मौजूदा इक्विटी 80.43 करोड़ रुपए है। इसका 72.68 फीसदी प्रवर्तकों और बाकी 27.32 फीसदी पब्लिक के पास है। पब्लिक में से 3.15 फीसदी एफआईआई और 2.44 फीसदी डीआईआई (घरेलू निवेशक संस्थाओं) के पास हैं। कंपनी के कुल शेयरधारकों की संख्या 52,824 है। उसके बड़े शेयरधारकों में इंडिया डिस्कवरी फंड (3.11 फीसदी), युग फिनवेस्ट (3 फीसदी), ऐकॉन मार्केटिंग (2.82 फीसदी), इंडियाहोल्ड लिमिटेड (1.69 फीसदी) और आईडीएफसी स्मॉल एड मिड कैप इक्विटी फंड (2.44 फीसदी) शामिल हैं।