रिजर्व बैंक के गर्वनर डॉ. दुव्वरी सुब्बाराव के मुताबिक हाल में हाउसिंग लोन घोटाले में रिश्वत लेकर जो भी ऋण दिए गए हैं, उनमें से सभी में स्थापित नियमों का पालन किया गया है। उन्होंने गुरुवार को कोलकाता में रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि इस सिलसिले में 14 ऋण खातों की जांच की गई है और इनमें से 13 खाते एकदम दुरुस्त तरीके से काम कर रहेऔरऔर भी

लोन के लिए रिश्वतखोरी के मामले में बड़े नायाब किस्म के एसएमएस इस्तेमाल किए गए हैं। जैसे, बिचौलिये को संदेश मिला कि ऑल इज़ वेल तो मतलब कि लोन मंजूर हो गया है। अगर बैंक या वित्तीय संस्था के अधिकारी ने एसएमएस में लिखा – चाइनीज क्यूजीन तो मतलब कि रिश्वत तगड़ी चाहिए। पंजाबी फूड के एसएमएस का मतलब होता है कि रिश्वत सोने के जेवरात, महंगी घड़ियों या इसी तरह के साजोसामान के रूप में चाहिए।औरऔर भी

शुक्रवार को सूत्रों के हवाले दिन भर खबर आती रही कि पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी इस बात की जांच कर रही है कि हाउसिंग लोन घोटाले में शामिल लोगों व फर्मों ने कुछ कंपनियों के शेयरों में इनसाइडर ट्रेडिंग तो नहीं की है। असल में इसमें एलआईसी के सचिव (निवेश) नरेश चोपड़ा पर यही आरोप है कि वह मनी मैटर्स फाइनेंशियल से रिश्वत लेकर उन कंपनियों की जानकारी दिया करता है जिनमें एलआईसी निवेश करनेवाली है।औरऔर भी

भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने तत्काल प्रभाव से वी के शर्मा को एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस का नया सीईओ बना दिया है। श्री शर्मा अभी तक देश के दक्षिणी जोन के लिए एलआईसी के जोनल मैनेजर थे और चेन्नई में बैठते थे। उनकी नियुक्ति पर सोमवार को एलआईसी के निदेशक बोर्ड की बैठक में औपचारिक मुहर लगा दी जाएगी। इससे पहले बुधवार को एलआईसी हाउसिंग के तत्कालीन सीईओ आर रामचंद्रन नायर को हाउसिंग लोन घोटाले में सीबीआईऔरऔर भी

आम के सीजन में आंधी आने पर हम बाग में दौड़-दौड़ कर जमीन पर गिरे फलों को बोरे में भर लिया करते थे। लेकिन न तो अब वो जमाना रहा और न ही शेयर बाजार किसी गांव के आम के बाग की तरह है जहां आंधी-तूफान में गिरा हर फल मीठा होता है। यहां तो हर हर स्टॉक को आगे-पीछे, ऊपर-नीचे हर तरफ से जांच कर ही उठाया जाना चाहिए। इधर बहुत सारे शेयर खटाखट 52 हफ्तोंऔरऔर भी

वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंकों, वित्तीय संस्थाओं और बीमा कंपनियों को हिदायत दी है कि वे उन तमाम कंपनियों से जुड़े लेन-देन की कायदे से जांच करें जिनके नाम सीबीआई ने हाउसिंग लोन घोटाले के सिलसिले में अदालत में दाखिल अर्जी में लिखे हैं। उन्होंने इन सभी संस्थाओं से कहा कि वे नामजद कंपनियों को दिए गए ऋणों का स्वतंत्र आकलन करें और देखें कि इनमें निर्धारित मानकों का पालन कहां तकऔरऔर भी

हाउसिंग लोन घोटाले में सीबीआई ने 17 कंपनियों को नोटिस भेजा है। इनमें से पांच कंपनियों के बारे में सीबीआई का कहना है कि इन्होंने बैंक अधिकारियों को घूस देकर हासिल करीब 1000 करोड़ रुपए के कर्ज की रकम शेयर बाजार में लगा दी। दो प्रमुख बिजनेस चैनलों ने सूत्रों के हवाले यह खबर दी है। उनका कहना है कि इसमें से एक कंपनी ने 560 करोड़, दूसरी ने 300 करोड़ और बाकी तीन ने 50-60 करोड़औरऔर भी

हम बराबर कहते रहे हैं कि ऐसे स्टॉक को मत हाथ लगाइए जो काफी महंगे हैं यानी जिनका पीई अनुपात बहुत ज्यादा है। खासतौर पर हमने आपको बैंकिंग और ऑटो सेक्टर के बारे में आगाह किया था। बैंकिंग में आप वास्तविक स्थिति से रू-ब-रू हो चुके हैं। ऑटो में अभी थोड़ा वक्त है और बजट तक इंतजार किया जा सकता है। हमने आपको ऐसी नई रीयल्टी कंपनियों के बारे में भी चेताया था जिन्होंने जमीन का जखीराऔरऔर भी

देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी, सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) इसे बड़ा हाउसिंग लोन घोटाला मानती है। लेकिन वित्त मंत्रालय कहता है कि बैंकिंग रिश्वतखोरी का यह मामला व्यवस्थागत खतरा नहीं है। देश की सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख भी कहते हैं कि यह बहुत पुरानी समस्या है। इसलिए इसमें कोई ‘सिस्टेमिक रिस्क’ नहीं है। लेकिन यह कहीं से भी सामान्य बात नहीं है कि एलआईसी, एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस और सेंट्रल बैंक ऑफऔरऔर भी