भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने तत्काल प्रभाव से वी के शर्मा को एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस का नया सीईओ बना दिया है। श्री शर्मा अभी तक देश के दक्षिणी जोन के लिए एलआईसी के जोनल मैनेजर थे और चेन्नई में बैठते थे। उनकी नियुक्ति पर सोमवार को एलआईसी के निदेशक बोर्ड की बैठक में औपचारिक मुहर लगा दी जाएगी। इससे पहले बुधवार को एलआईसी हाउसिंग के तत्कालीन सीईओ आर रामचंद्रन नायर को हाउसिंग लोन घोटाले में सीबीआई गिरफ्तार कर चुकी है और दो दिन पुलिस हिरासत में रहने के नियम के तहत वे सस्पेंड हो चुके हैं।
बता दें कि कल गुरुवार को एलआईसी के चेयरमैन टी एस विजयन ने कहा था कि एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस के नए सीईओ की घोषणा दो-तीन दिन में हो जाएगी और तात्कालिक रूप से कंपनी का कामकाज संभालने का जिम्मा सबसे सीनियर महाप्रबंधक चंद्रेशेखरन को दे दिया गया है। लेकिन उसी समय वी के शर्मा को सीईओ बनाने का मन बनाया जा चुका था। इस दौड़ में एलआईसी के कार्यकारी निदेशक (मार्केटिंग) टी चट्टोपाध्याय, पश्चिमी जोन के जोनल मैनेजर एस रॉय और बीमा कंपनी में बैंक-एश्योरेंस के प्रभारी कार्याकारी निदॆशक ए के साहू भी शामिल थे। लेकिन रिटायरमेंट में बचे वक्त और अनुभव जैसे कई पहलुओं के मद्देनजर वी के शर्मा को इस पद के लिए चुना गया।
गौरतलब है कि एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस की प्रवर्तक और उसकी इक्विटी में 36.54 फीसदी की भागीदारी के आधार पर इसका शीर्ष अधिकारी चुनने का दायित्व एलआईसी का ही है। लेकिन कंपनी में जीआईसी (1.01 फीसदी), न्यू इंडिया इंश्योरेंस (2.02 फीसदी), मॉरगन स्टैनले, मॉरीशस (4.35 फीसदी), तैयब सिक्यूरिटीज, मॉरीशस (2.42 फीसदी) और ओरिएंट ग्लोबल सिनामॉन (4.95 फीसदी) जैसी संस्थाओं की भी हिस्सेदारी है। इसलिए उन्हें विश्वास में लेना जरूरी है।
एलआईसी के एक सूत्र के अनुसार वी के शर्मा के नाम पर इस संस्थाओं को कोई एतराज नहीं है क्योंकि उनकी साख अच्छी है। बता दें कि एलआईसी इतना तुरत-फुरत इसलिए फैसला कर रही है ताकि घोटाले में नायर के शामिल होने के दाग को जल्दी से जल्टी मिटा दिया जाए। उसने निवेश विभाग और हाउसिंग फाइनेंस के कामकाज की जांच के लिए दो समितियां भी बना दी हैं।
हालांकि बाजार में एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस को लेकर बनी नकारात्मक धारणा खत्म नहीं हो रही है। दो दिन की तीखी गिरावट के बाद आज भी इस शेयर में पस्ती का आलम दिख रहा है। खबर लिखे जाने तक यह कल की तुलना में एनएसई और बीएसई में लगभग 7 फीसदी गिर चुका था।